गंगानगर

अफसर नहीं कर रहे समाधान: कुंज विहार काॅलाेनी 23 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं काे तरस रही है # 1 Super best amazingly

अफसर नहीं कर रहे समाधान: कुंज विहार काॅलाेनी 23 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं काे तरस रही है # 1 Super best amazingly

अफसर

अफसर नहीं कर रहे समाधान: शहर में वार्ड 10 कुंज विहार काॅलाेनी 23 वर्षाें बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है। काॅलाेनी में सड़कें बुरी तरह टूट चुकी हैं, लाइटाें के लिए पाेल ताे लगाए, लेकिन स्ट्रीट लाइटें नहीं लगाई गईं। लिहाजा आए दिन चाेरी, लूट-खसाेट जैसी घटनाएं हाेना आम हाे गया है। लाेग परेशान हैं, इसकी बड़ी वजह यह है कि यह काॅलाेनी यूआईटी की ओर से काटी गई थी, लेकिन यूआईटी ने आधे-अधूरे काम कर पुन: इस काॅलाेनी की संभाल तक नहीं की। ऐसे में काॅलाेनीवासी अब कहां फरियाद करें, समझ से परे है।

सुप्रीम कोर्ट

पार्षद राधेश्याम माटा का कहना है कि काॅलाेनी यूआईटी ने काटी, लेकिन विकास कार्य नगरपरिषद से करवाने पड़ रहे हैं। यूआईटी अफसर काे अनेक बार परेशानी से अवगत कराया भी गया, यहां तक कि यूआईटी कार्यालय में धरना-प्रदर्शन भी किया गया। लेकिन राहत आज तक नहीं मिल सकी है। इसी का परिणाम रहा कि खाले का समय रहते निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ, फेराेकवर नहीं लगाए गए। इस कारण एक गाेवंश खाले में गिर गया, जिसे लाेगाें ने करीब 2 घंटे मशक्कत के बाद खाले से निकाला। पूर्व में भी इसी वजह से अनेक दुर्घटनाएं हाे चुकी हैं।

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1998 में काॅलाेनी कटी, 50 से अधिक पाेल ऐसे जहां स्ट्रीट लाइटें ही नहीं, सड़कों की हालत है जर्जर

स्थानीय पवन माटा का कहना है कि कुंज विहार काॅलोनी सन 1998 में नगर विकास न्यास ने काटी थी। 23 वर्ष बीतने के बावजूद जो सुविधाएं यूआईटी को देनी चाहिए थी वो आज भी अधूरी है। सड़कें बुरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं। 50 खाली पोल ऐसे हैं जहां पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। एक निर्माणाधीन खाला है जो सन 2007 में यूआईटी ने बनवाया था। कई वर्षों से ज्ञापन दिए कि इस खाले के ऊपर फेरोकवर लगाए जाएं ताकि कोई दुर्घटना नहीं हाे सके। लेकिन यूआईटी अफसर बात सुनने को तैयार नहीं हैं।

राजीविका

आए दिन इस खाले में पशु गिरते रहते हैं, बच्चे गिर जाते हैं। यूआईटी अफसर शायद कोई बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रही है। शायद ऐसा हाेने के बाद ही इस खाले को ढका जाएगा। यहां करीब 100 घर हैं, जिनका गंदा पानी खाली प्लाटों में इकठ्ठा होता रहता है, जिससे दुर्गंध आती रहती है। अब बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।

राजीविका

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