अनुसूचित क्षेत्र के अंतर्गत दलोट नगरीय निकाय के गठन के विरोध में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने दिया ज्ञापन

प्रतापगढ़। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बजट घोषणा में संविधान के अनु. 244(1) पांचवी अनुसूची के अनुसूचित क्षेत्र में राजस्थान सरकार बजट घोषणा 2022 एवम 2023 में घोषित नगर पालिका गठन/नगर परिषद विस्तारीकरण संविधान के भाग IX के अनुच्छेद 243 यग[243(ZC) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए नगरपालिका/नगर परिषद/नगर निगम लागू /विस्तारीकरण कर किए गए असंवैधानिक कार्य पर अविलंब रोक लगाने के लिए जिला कलेक्टर प्रतापगढ़ को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया गया।
राजस्थान में संविधान के अनुच्छेद 243(M) के अनुसार ग्राम पंचायत के लागू नहीं होने के कारण संविधान के 73 वा संशोधन के पश्चात संसद द्वारा लाया गया पेसा कानून 2011के बाद रूढ़िगत ग्राम सभाओं [संविधान के अनुच्छेद(13(3)क ] के अनुसार चलने वाली ग्राम पंचायत लागू है। संविधान के अनुच्छेद 243(M) के अनुसार तथा संसद द्वारा लाए गए पेसा प्रोवीजन के बाद संविधान में वर्णित अनु 13(3)क में वर्णित हमारे रूढ़िवादी और प्रथा के अनुसार चलने वाले ग्राम पंचायत लागू होने के बावजूद स्थानीय संबंधित पदाधिकारियों , सरकार द्वारा संविधान के भाग IX के अनुच्छेद 243 यग[243(ZC)] के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए हमारे गांव को जबरन नगर पालिका/नगरपरिषद/नगर निगम में बदलने की असंवैधानिक और गैर कानूनी जबरन कोशिश कर रही है, हाल ही 2023 एवम पूर्व 2022 में राजस्थान सरकार ने राजनेतिक लाभ हेतु संविधान के विपरीत जाकर अनुसूचित क्षेत्र में एक के बाद एक नगरपालिका घोषित की गई उसी कड़ी में दलोट को भी नगरपालिका घोषित कर दिया।
अनुसूचित क्षेत्र में बिना संसद द्वारा पारित नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम के विस्तार अधिनियम (मेसा प्रावधान) प्रोवीजन ऑफ म्यूनिसिपल एक्सटेंशन टू शिड्यूल्ड एरिया, प्रोविजन लाए बिना नगर पालिका/नगर परिषद/नगर निगम लागू करना असंवैधानिक है, संविधान के अनुच्छेद 244(1), 243zc, 13, 3(क) का उल्लंघन है, जिससे हम अनुसूचित क्षेत्र वाले लोगों के संवैधानिक अधिकार वंचित हो जाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ता कन्हैयालाल चरपोटा, सोहन निनामा , राजेश भाई डिंडोर, शानु हाड़ा, मदन कटारा, दिलीप, कालू मईडा, पंचायत समिति सदस्य लक्ष्मण लाल निनामा, दिनेश निनामा एवं अन्य साथी उपस्थित रहे।