अपने हित के लिए जघन्य अपराध की धाराओ में झुठा प्रकरण दर्ज करवाने पर पुलिस ने प्रार्थीया को दिलवाई सजा

अपने हित के लिए जघन्य अपराध की धाराओ में झुठा प्रकरण दर्ज करवाने पर पुलिस ने प्रार्थीया को दिलवाई सजा
डा . अमृता दुहन पुलिस अधीक्षक जिला प्रतापगढ़ के निर्देशानुसार जिले हाजा मे दर्ज करवाये जा रहे बलात्कार के झुटे प्रकरणों में पुलिस का अकारण समय बर्बात होने से झुठे प्रकरण दर्ज कराने वालो के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा पेश करने के निर्देश देने पर मुंशी मोहम्मद थानाधिकारी थाना धमोतर द्वारा बताया गया कि दिनांक 05.03.2021 को प्रार्थोया सुगनाबाई पत्नी भेरूलाल जाति मीणा आयु 45 वर्ष निवासी • पिपलीखेडा थाना धमोतर जिला प्रतापगढ द्वारा एक रिपोर्ट इस आशय की पेश की थी की मेरे साथ गणेश पिता कारूलाल मीणा आयु 40 वर्ष निवासी बमोतर हाल मुकाम पिपलीखेडा व गोरर्धन मेघवाल निवासी रामदेवजी थान छोटी सादडी ने मेरे साथ जबरन बलात्कार किया था।
रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान वृताधिकारी वृत छोटीसादडी द्वारा किया गया । अनुसंधान से यह पाया गया कि पिडता सुगना बाई का पति भैरूलाल मीणा 2 साल पहले गम्भीर रूप से बिमार होने से इलाज हेतु प्रार्थीया ने गणेश के मार्फत गोर्वधन मेघवाल से इलाज हेतु रूपये उधार लिये थे इस बिच प्रार्थीया एवं गणेश मीणा के अराजीयात पास पास होकर मेड पाली की बात को लेकर आपस में बोल चाल होने से बोल चाल के समय गणेश ने प्रार्थीया के द्वारा लिये उधार रूपये की उगाई की थी उस समय प्रर्थीया ने गणेश मीणा को धमकी दी थी की मैं तेरे एवं गोवर्धन के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा करा के फंसा दुंगी जिस पर अप्रार्थी द्वारा भी थाना धमोतर पर दिनांक 03.03.2021 को प्रकरण संख्या 41 / 2021 धारा 458 , 354 , 384,323,506 भादस में प्रकरण दर्ज कराया जिस कारण प्रार्थीया ने नाराज होकर कानुनी सलहकारों से राय मशवरा कर रिपोर्ट बडा चढा पेश की । जिसमें अंकित तथ्यों की पुष्ठी स्वयं प्रार्थीया अपने कथन धारा 164 जाफों में नहीं करती है , घटना की ताईद घटनस्थल के स्वतन्त्र पडोसी गवाहान नहीं करते है । सम्पुर्ण अनुसंधान से मामला अदम वकुवा झुठा पाया गया । इस प्रकार प्रर्थियों द्वारा झुठा प्रकरण दर्ज करवा कर पुलिस व न्यायालय का समय बर्बाद किया जाने से प्रार्थीग के खिलाफ धारा 182/211 भादस मे माननीय न्यायालय में इस्तागसा पेश किया गया । जिस पर न्यायालय द्वारा प्रार्थीया पर झुठा प्रकरण दर्ज करवा पुलिस व न्यायालय का समय बर्बाद करने से कार्यवाही करते हुये 1000 रूपये का जुर्माने कि सजा दी गई ।