अवैध डोडाचुरा में निर्दोष होने का दिया आवेदन धर्मेन्द्र पिता राधेश्याम पाटीदार कुलथाना निवासी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजस्थान को

धर्मेन्द्र पिता राधेश्याम पाटीदार कुलथाना ने अवैध डोडाचुरा में निर्दोष होने का दिया आवेदन
चित्तौड़ सदर थाना द्वारा पकड़े गये 24 क्विंटल 39 किलो 300 ग्राम अवैध डोडाचुरा मामले में पुलिस थाना चित्तौड़ डोडाचुरा भराने वाले किसी धर्मेन्द्र पाटीदार नाम के व्यक्ति को तलाश रही हैं । इसमें संदेही आरोपी धर्मेन्द्र पिता राधेश्याम पाटीदार कुलथाना जिला प्रतापगढ़ ने मामले में निर्दोष होने का आवेदन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजस्थान को दिया है । पुलिस महानिर्देशक राजस्थान पुलिस , पुलिस निरीक्षक कोटा को दिये आवेदन में धर्मेन्द्र पिता राधेश्याम पाटीदार कुलथाना ने आरोप लगाया है कि पुलिस आपसी रंजिश में नाम बताने पर संदेह कर रही हैं । जिला पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ द्वारा इस मामले की जांच तीन पुलिस अधिकारीयों की गठीत स्पेशल जांच समिति को सौंप कर जांच करवाई जा रही हैं ।
क्या है मामला ? दिनांक 29 जनवरी 2022 को पुलिस थाना सदर चित्तौड़ ने मुखबीर की सूचना पर चित्तौड़गढ़ बायपास धनेतकलां पर नाकेबंदी की थी । जहां पर पुलिस ने ट्रक RJ2IGA4833 सहित 24 क्विंटल 39 किलो 300 अवैध डोडाचूरा जप्त कर गोपीराम उर्फ गोपी निवासी बारानी जिला नागौर राजस्थान को गिरफ्तार किया था जिसने डोडाचूरा मन्दसौर तरफ प्रतापगढ से कालूराम पिता खुभाराम निवासी बारानी जिला नागौर राजस्थान द्वारा भरवाना बताया था जिस पर पुलिस ने कालूराम पिता खुभाराम को भी गिरफ्तार किया था । उक्त ट्रक में 45 कट्टे लहसून के भरे हुए मिले थे ट्रक कालूराम का होना बताया था । सदर थाना चित्तौडगढ़ द्वारा अप . क्र . 36 / 22 दर्ज किया गया था । मामले में दो आरोपी गिरफ्तार कर जेल में निरुद्ध हैं । पुलिस की जांच में धर्मेन्द्र पाटीदार नाम आने पर पुलिस टीम ने कुलथाना प्रतापगढ़ में जाकर अनजान व्यक्ति धर्मेन्द्र पाटीदार नाम के व्यक्तियों से पूछताछ की थी । गांव में 3 व्यक्ति धर्मेन्द्र पाटीदार नाम के होने से पुलिस मामले में निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई हैं क्योंकि कालूराम पिता खुभाराम के प्रतापगढ में कुलथाना में कई व्यक्तियों से सीधे सम्पर्क में रहे वह प्रतापगढ़ क्षेत्र से Halse जेसीबी किराये से ले जाकर राजस्थान में ठेके से चलाने का काम करता रहा हैं । गोपी व कालूराम को लेकर पुलिस ने गहन पूछताछ की हैं । यहां तक चित्तौड़ के 2 विशेष न्यायालय ने 15-15 दिनों तक रीमाण्ड भी लिया गया था । लेकिन दोनों ही आरोपी को लेकर पुलिस चित्तौड़ प्रतापगढ धर्मेन्द्र पाटीदार के घर पहचान कराने लेकर नहीं आई थी जिससे पुलिस की निष्पक्ष जांच पर प्रश्न चिन्ह लग गया है । यदि पुलिस सही आरोपी की पहचान गोपी या कालूराम को कराती तो निश्चित ही पुलिस सही आरोपी को ढूंढ पाती । गोपी व कालूराम दोनों जेल में निरुद्ध हैं उन्हें वापस जेल से लाकर सत्यता की जांच करा सकती हैं । लेकिन पुलिस निर्दोष किसानों को परेशान करने में लगी हैं । धर्मेन्द्र पिता राधेश्याम पाटीदार निवासी कुलथाना का कोई अपराधिक रिकार्ड भी नहीं हैं वह जेसीबी किराये से चलाता हैं व कृषि कार्य करता हैं । उसके आवेदन के बाद पुलिस थाना चित्तौड़ हर बिन्दू पर बारीकी से जांच कर रही हैं । लेकिन मामले में पूर्व से गिरफ्तार आरोपीयों से पुनः न्यायालय चित्तौड़ से अनुमति लेकर पूछताछ करने पर ही मामले की गुत्थी सुलझ सकती हैं । इधर धर्मेन्द्र पाटीदार ने मुख्यमंत्री हेल्पलाईन पर भी निर्दोष होने की शिकायत कर रखी हैं जिसकी जांच जिला पुलिस अधिक्षक चित्तौड़ द्वारा करवाई जा रही हैं । एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार तीन माह से छः माह तक अवधि तक चालान प्रस्तुत करने का प्रावधान हैं । पुलिस थाना चित्तौड़ मामले में न्यायालय से अधिक समय लेकर निष्पक्ष जांच करवाकर सही आरोपी तक पहुंचना चाहती हैं । मामले में मात्र संदेही के रुप में नाम आते ही धर्मेन्द्र पाटीदार फरार हैं ।