नीमच

अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा, फिर भी कमीशन के फेर में भेज रहे निजी सेंटर।गर्भवती महिलाओं को डिलेवरी से पहले निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है।

Chautha samay @singoli news
सिंगोली।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कमीशन के फेर में सोनोग्राफी सेंटर में लंबे समय से स्टाफ द्वारा ही निजी सेंटर पर गर्भवती महिलाओं को भेजने का खेल चल रहा है। जबकि अस्पताल में बकायदा सोनोग्राफी की सुविधा भी उपलब्ध है। फिर भी गरीब तबके के लोग बाहर निजी सेंटर में १००० से १२०० रुपए देकर सोनोग्राफी कराने मजबूर है।
नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इन दिनों स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा मरीजो के साथ दुर्व्यवहार कर आमजन को निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाने के लिये मजबूर किया जा रहा हैं।
सिंगोली अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों के मन में कुछ इसी तरह का खौफ पैदा कर निजी अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
हॉस्पिटल में प्रसूति के लिये गई एक महिला के परिजन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह 25 मई को सुबह अपनी बहिन को प्रसव पीड़ा होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर गया।

हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ नर्स ने एडमिट कर ने से पहले ही प्राइवेट हॉस्पिटल से सोनोग्राफी करवा कर लाने की बात कही व कुछ देर बाद में बताया कि प्रसव करवाने में हम लोग असमर्थ हैं। आप इनको सिंगोली के ही एक निजी हॉस्पिटल में ले जाने की बात कही ,बोल दिया की वहा से आप लोग सोनोग्राफी करवा कर लाए फिर हम डिलेवरी करवा सकते है।
बताया जा रहा हैं कि यह सारा चक्रव्यूह एक निजी हॉस्पिटल की सांठगांठ से की जा रही कमीशनखोरी का खेल हैं। कमिशन खोरी का यह आलम हैं कि हॉस्पिटल में एक्सरे व सोनो ग्राफी मशीन होने के बावजूद मरीजो को बाहर से सोनोग्राफी ओर एक्सरे के लिये भेजा जा रहा हैं।
यही नही कमीशन खोरी के चलते अस्पताल में आने वाली प्रसूताओ को अपनी स्वार्थ सिद्धि हेतु निजी अस्पताल में रेफर किया जा रहा है।
सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद पिछले 6 माह से अधिक समय हो गया हैं लेकिन इस बीच एक भी सोनोग्राफी नहीं की गई।

Related Articles

Back to top button