प्रतापगढ़

आदिवासियों का हरिद्वार गौतमेश्वर महादेव यहां दिया जाता है पाप से मुक्ति का सर्टिफिकेट

आदिवासियों का हरिद्वार गौतमेश्वर महादेव
यहां दिया जाता है पाप से मुक्ति का सर्टिफिकेट

दो राज्यों की कला और संस्कृति का होता है संगम राजस्थान प्रदेश के दक्षिण में मध्यप्रदेश की सीमा से लगे प्रतापगढ़ जिले में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले गौतमेश्वर महादेव मेले में राजस्थान एवं मध्यप्रदेश की कला एवं संस्कृति का दिग्दर्शन होता है। मान्यता है कि यहां स्थित मंदाकिनी कुंड में डुबकी लगाने पर पाप से मुक्ति का सर्टिफिकेट मिल जाता है।

प्रतापगढ़ जिले के अरनोद उपखंड मुख्यालय की पहाड़ियों में स्थित चौथी एवं पांचवी शताब्दी का प्राचीन गौतमेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष मेले का आयोजन होता है, जिसमें 2 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर मेले का आनंद उठाते हैं। कोरोनाकाल के कारण गत 2 वर्षों के पश्चात आयोजित हो रहे। इस वार्षिक मेले को लेकर प्रशासन एवं पुलिस ने विशेष तैयारियां की है।

माॅ गंगा की मान्यता रखता है मंदाकिनी कुंड

मंदिर स्थल पर प्राचीन मंदाकिनी कुंड में स्नान करने पर मुक्ति का सर्टिफिकेट दिया जाता है। पाप से मुक्ति सर्टिफिकेट के लिए एक रूपये तथा दोष निवारण के लिए 10 रूपये जमा कराकर पाप मुक्ति का सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सकता है।

पौराणिक कथा के अनुसार सप्तऋषियों में से एक गौतम ऋषि पर गौ हत्या का कलंक लगा था। इस दोष से मुक्ति का कोई उपाय नही मिला तो उन्होंने मंदाकिनी कुंड में आकर स्नान किया, जिससे उन्हें गौ हत्या के पाप से मुक्ति मिल गई। जिस प्रकार गौतम ऋषि के इस कुंड में स्नान करने से पाप से मुक्ति मिली थी, वैसे ही भक्तों के सारे पाप यहां स्नान करने से खत्म हो जाते हैं। कहा जाता है कि त्रेता युग में महर्षि ने इस स्थल पर रहकर कठोर तपस्या की थी जिनके प्रताप से यहां गंगा की भूमिगत धारा प्रकट हुई।

सुंदर एवं मोहक दृश्य से घिरा है मंदिर

गौतमेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए दोनों और सीढ़ियों से आ जा सकते हैं। वर्षाकाल में मंदिर के उपर से गिरते हुए झरने एवं आसपास के नजारे सुंदर और मनमोहक हो जाते है। जिले के अरनोद उपखंड मुख्यालय से 2.5 किलोमीटर दूर सुकड़ी नदी के दाहिने किनारे की पहाड़ी पर परकोटे से गौतमेश्वर मंदिर घिरा हुआ है। मुख्य मंदिर में श्वेत शिखर की झांकी दूर से ही दिखाई देती है। मंदिर में साधु संतों व यात्रियों के बैठने के लिए एक बड़ी गैलरी, भोजनशाला भी स्थित है। मंदिर का प्रवेश द्वार उत्तर दिशा में है, प्रवेश करते ही दाहिने और गौतमेश्वर महादेव का लिंग आकार स्थित है। उनके पीठ पीछे बांयी और गजानंद व अहेलिया तथा दाहिनी और अंजलि, और सामने नंदेश्वर की प्रतिमा स्थापित है।

प्रशासन ने मेले में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा मेलार्थियों की सुविधा को लेकर कई निर्णय लिए हैं। मेला स्थल पर विभिन्न स्थानों पर पुलिस जाप्ता तथा सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी। इस वर्ष गौतमेश्वर का लक्खी मेला 12 से 18 मई तक आयोजित होगा।

तारूसिंह यादव

Tarusingh Yadav National Chautha Samay News City Reporter, Pratapgarh (Rajasthan), Contact: +91 88299 42088, Email: [email protected], Corporate Office Contact; +917891094171, +919407329171, Email' [email protected]

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