प्रतापगढ़

आदिवासी परिवार का चिंतन शिविर हुआ बारावरदा में संपन्न

प्रतापगढ़। बारावरदा, (धमोतर)एक दिवसीय सांस्कृतिक आदिवासी ऐतिहासिक संवैधानिक पर जन जागरण चिंतन शिविर का आयोजन। आदिवासी ओमप्रकाश ने बताया कि बारावरदा में एक दिवसीय आदिवासी सांस्कृतिक चिंतन शिविर में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। भील आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता मांगीलाल निनामा ने बताया कि शेड्यूल एरिया में सिविल एरिया के नियम थोपे जा रहे हैं आदिवासियों पर जो पूरी तरह से गलत है। सिविल एरिया के कुछ अधिकारी शेड्यूल एरिया में आदिवासियों की भावनाओं के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता बबीता कश्यप ने बताया की भोले-भाले आदिवासियों को असंवैधानिक एवं अनैतिक तरीके से गुमराह कर उनकी जमीन हड़पी जा रही है जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। अनुसूचित क्षेत्र की राष्ट्रपति राज्यपाल एवं कलेक्टर की जवाबदेही होती है आम जनता इस बात को नहीं जानती है। इसलिए अपनी समस्याओं को लेकर वह नेताओं के पीछे भागती है
आदिवासी कांति रोत ने बताया कि पूरे देश में आदिवासी जनजागृति आई है। लेकिन फिर भी आदिवासियों के साथ अन्याय शोषण हो रहा है युवाओं को समाज के साथ-साथ शिक्षा में भी आगे आना होगा। आदिवासी राजेश डिंडोर ने बताया कि धमोतर एवं छोटी सादड़ी ब्लॉक में हाल ही में वन विभाग द्वारा आदिवासियों की बस्ती को उजाड़ा गया उसका आदिवासी समुदाय पूरी तरह से विरोध करता है। वन विभाग द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी जिनके पास में वनाधिकार मान्यता के तहत पट्टे थे। आदिवासी रमेश मईडा ने युवाओं को पॉलिसी लेवल की शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक शानू हाडा ने कहां की आदिवासियों को संविधान के मूल भावना के अनुसार आरक्षण नहीं मिल रहा है। रंगलाल मईडा ने आदिवासियों की कला एवं संस्कृति को बचाए रखने के लिए आह्वान किया। संचालन कालूराम द्वारा किया गया।

तारूसिंह यादव

Tarusingh Yadav National Chautha Samay News City Reporter, Pratapgarh (Rajasthan), Contact: +91 88299 42088, Email: [email protected], Corporate Office Contact; +917891094171, +919407329171, Email' [email protected]

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