नीमच

आम आदमी की आशा के अनुरुप केंद्र सरकार का बजट नहीं बेरोजगारी, मंहगाई, मनरेगा के मुद्दों पर चुप सरकार। केंद्र सरकार के बजट पर बोले कांग्रेस नेता प्रकाश जैन रांका ।

Chautha samay@singoli
सिंगोली।इस बार आम बजट पर पूरे देश की निगाहें लगी हुई थीं। इस बार का आम बजट खास होना चाहिए था क्योंकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले सरकार का यह आखिरी बजट था इस बजट से केंद्र सरकार की नीति स्पष्ट होती हैं जो बीजेपी की कथनी और करनी को उजागर करती हैं । इस बजट में भी बढ़ती महंगाई को देखते हुए जनता को निराशा ही हाथ लगी हैं ।

*इंश्योरेंस सेक्टर ओर बचत प्रभावित होगी*

भले ही टैक्स की लिमिट को सरकार ने बढ़ा दिया हो, लेकिन यहा भी सरकार ने धोका ही किया है एक ऐसा व्यक्ति जो पुरानी कर व्यवस्था के तहत धार 80 C में बीमा पॉलिसियों या पीपीएफ जैसी कर बचत विकल्पों का चुनाव करता है, तो वो अब नई व्यवस्था में इनपर पर क्लेम नहीं किया जा सकता है। सरकार की इस नीति से सीधा आमजन के हितों पर चोट होगी ।इंश्योरेंस सेक्टर पर यह महंगाई की मार अगले वित्त वर्ष से सालाना पांच लाख रुपये से अधिक प्रीमियम वाली पॉलिसीज की मैच्योरिटी रकम पर टेक्स में व्रद्धि हुई हैं।

खुदरा ओर छोटे व्यापारियों की मांग का ख्याल नहीं रखा बजट में

केंद्रीय बजट 2023-24 में व्यापारियों को जीएसटी से राहत देने की कोई कोशिश नहीं की गई। इससे व्यापारियों में निराशा है। देश के खुदरा छोटे व्यापारियों की लंबे समय से मांग थी कि उन्हें बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियों के ऑनलाइन बाजार के नकारात्मक असर से बचाने के लिए उचित नीतियां बनाई जाएं। लेकिन केंद्र सरकार ने ऑनलाईन बाजार को नियंत्रित करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है, इससे छोटे व्यापारियों में बजट को लेकर निराशा है।
बजट में स्पष्ट नीति और विजन का अभाव
इस बजट में मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है जो कि अब तक का सबसे कम आवंटन है. इसके अलावा महिलाओं और बच्चों की सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में भारी कटौती देखने को मिल रही है. बजट 2023 को देखकर यह भी सवाल उठता है कि सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? कांग्रेस नेता रांका ने आगे बताया कि इस बजट में बेरोजगारी और महंगाई पर ठीक से बात नहीं की गई है ।

Related Articles

Back to top button