आर्थिक रूप से टूट चुके गरीबों से स्थगित बिजली बिलो की वसूली न हो कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की मांग | The News Day

*आर्थिक रूप से टूट चुके गरीबों से स्थगित बिजली बिलों की वसूली न हो*
*कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सी की मांग*
सिंगोली:- जावद जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि गरीबों से स्थगित या माफ किए गए बिजली बिलों की जबरन वसूली न करवाएं, बल्कि हो सके तो उसे माफ किया जावे।
स्थगित बिजली बिलों की वसूली को उन्होंने गरीबों के साथ छलावा और सरकार की दोहरी नीति बताया है।
उन्होंने बताया कि बिजली कंपनी के तानाशाही आदेश के चलते अकेले जावद क्षेत्र के 16 हजार से भी ज्यादा गरीबों से उस राशि की जबरन वसूली हो रही है जो कोरोना काल में सरकार द्वारा या तो माफ़ करदी गई है या फिर स्थगित करवादी गई थी।
उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भाजपा सरकार ने गरीबों को राहत देते हुए खुद ही बिलो की वसूली स्थगित या माफ करने का आदेश दिया था।
उस समय सरकार ने परेशान जनता को यह दिखाने के लिए बिजली बिलों की माफी या वसूली को स्थगित कर दिया था वह गरीबों को राहत दे रही है।
लेकिन 16 माह बाद अचानक स्थगित की गई राशि की वसूली के आदेश जारी हो गए है।
सत्यनारायण पाटीदार ने आशंका व्यक्ति की है, कम्पनी के तानाशाही आदेश से तो ऐसा लग रहा है सरकार ने वसूली के लिए कम्पनी को खुला कर दिया है।
उन्होंने बताया है कि प्रदेश में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अकेले जावद विधानसभा क्षेत्र में 16 हजार से ज्यादा गरीब विद्युत उपभोक्ताओं से करीब 5 करोड रुपए की वसूली का फरमान जारी किया गया है।
जबकि प्रदेश सहित क्षेत्र की जनता 2 सालों में दो बार कोरोना महामारी और लॉक डाउन की मार झेल चुकी है। ऐसे में कंपनी के भारी-भरकम बिलों का भुगतान करने की क्षमता गरीबों में नहीं बची है।
सत्यनारायण पाटीदार ने बताया है कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा तानाशाही अपनाते हुए कोरोना काल के दौरान स्थगित किए गए बिजली बिलों की बकाया राशि के लिए अंतिम तारीख भी दे दी गई है।
निर्धारित 15 दिसम्बर तक नोटिस में दर्शाइ गई राशि जमा नहीं कराई गई तो, कंपनी द्वारा आगामी बिलों में उस राशि को जोड़कर वसूली की जाएगी।
कंपनी की सारी हरकत को भाजपा सरकार मूकदर्शक देख रही है, जबकि कंपनी कर्मचारी सरे आम गरीबों को बिजली काटने की धमकियां भी दे रहे है।
उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मांग की है कि कोरोना काल में आर्थिक रूप से टूट चुके गरीबों से जबरन वसूली न की जावे बल्कि हो सके तो उस समय की राशि को माफ कर दिया जावे।