इतिहास के साक्ष्यों को सही रूप में जाने क्योंकि यह अखंड भारत के भविष्य का आधार है – डॉ. सुरेंद्र शक्तावत | The News Day


रामपुरा। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 1857 की क्रांति और नीमच जिले का योगदान विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया । मुख्य वक्ता के रूप में इतिहासविद एवं ज्ञानोदय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेन्द्र शक्तावत थे। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद और मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर किया गया । मुख्य वक्ता का स्वागत प्रो. बलराम सोनी, प्रो.आशीष कुमार सोनी, श्री महेश चांदना, प्रो.भरत कुमार धनगर, प्रो. मठुआ अहिरवार,श्री रामस्वरूप अहिरवार द्वारा शॉल श्रीफल और प्रतीक चिन्ह देकर किया गया। मुख्य वक्ता डॉ.शक्तावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि इतिहास में नीमच और रामपुरा के योगदान का उल्लेख इतिहास के पन्नों में बहुत कम मिलता है । उनके द्वारा 1857 की क्रांति और नीमच जिले के योगदान पर सारगर्भित पुस्तक लिखी गई है जो वर्तमान में विद्यार्थियों को इतिहास के साक्ष्यों से परिचय कराएगी । यदि हम इतिहास को सही रूप में पढ़े और जाने तो इतिहास की कई घटनाओं को सही रूप में जान सकेंगे । आजादी को पाने में क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है उन्हें वर्तमान दौर में जानना आवश्यक है। इतिहास के कई उदाहरणों का उल्लेख करते हुए अखंड भारत की तस्वीर की संकल्पना को प्रस्तुत किया। अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत ही महाविद्यालय में विचित्र पोशाक प्रतियोगिता का आयोजन क्रांतिकारियों के योगदान विषय से सम्बन्धित किया गया। जिसमें निर्णायक डॉ.असावरी खैरनार श्री महेश चांदना एवं प्रो.भरत कुमार धनगर थे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर विद्यार्थी जीनत अंसारी और मुस्कान योगी रहे । द्वितीय स्थान पर अंकित मंडवारिया एवं तृतीय स्थान पर ज्योतिबाला रही। कार्यक्रम का संचालन प्रेरणा ठाकरे द्वारा किया गया । आभार प्रो.आशीष कुमार सोनी ने माना।