एंड्रॉइड मोबाइल या रिचार्ज के बिना काम चल जाएगा लेकिन बच्चों की शिक्षा के बिना जीवन नहीं चलेगा: देवीलाल मीणा

प्रतापगढ़ । जिले में पुलिस सब इंस्पेक्टर देवीलाल निनामा ने बच्चों को शिक्षा से जोड़ ने को लेकर कहीं अपने दिल कि बात जिसमें उन्होंने बताया कि अपने आस – पास या जानकारी में अभी भी अगर कोई बच्चा विद्यालय प्रवेश से वंचित हैं, तो अविलंब बच्चों का एडमिशन कराना अपना दायित्व समझें। बच्चों को रोजाना स्कूल भेजें। जहां तक हो सके,बच्चों को एक दिन भी अनुपस्थित नहीं होने दें। परिस्थितियां विपरीत हो या अनुकूल, घर में उजाला हो या अंधेरा , खाली पेट हो या पेट भरा हुआ, झोपड़ी हो या महल, दिव्यांग हो या शारीरिक रूप से सक्षम लेकिन बच्चों को शिक्षा से वंचित मत रखिए। अपने आस- पास सभी जाति, धर्म व वर्ग के बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को अगर स्कूल समय में रोड़ पर, खेतों में या नदी नालों के आस- पास खेलते हुए दिखें या गाय भैंस,बकरी चराते हुए दिखें तो पता करो कि बच्चा स्कूल क्यों नहीं गया। अगले दिन उसको स्कूल जाने के लिए समझाओं। बर्थडे पार्टी या वीक एंड और अन्य फिजूलखर्ची से बचें। छोटी छोटी बचत कर बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने की कोशिश करें।
पुरे परिवार की सबसे बड़ी पूंजी बच्चों व उनकी शिक्षा को समझें।
दिन भर खेती बाड़ी , मजदूरी,नौकरी पेशा या व्यापार, छोटी-बड़ी राजनीति व अन्य काम धंधे करने के बाद शाम को घर आने पर बच्चों की शिक्षा के बारे में जरूर पता करें। वार त्यौहार,हाट बाजार,मेला, शादी ब्याह , छोटी बड़ी यात्रा इन सब दौरान जहां भी मिलों बैठो तो कुछ समय शिक्षा के लिए भी जरूर बातचीत कर लीजिए।
जंगलों,खेत-खलिहानों, गांवों, नगरों- महानगरों जहां भी रहो। लेकिन बच्चों को शिक्षा से वंचित मत रखना।
हम- सब मिलकर कोशिश करें तो कोई भी अनाथ या गरीब बेटा – बेटी, छोटे – बड़े भाई बहन शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।