एनपीएस अधिसूचना की होली जलाई पेंशन हक़ है, लेकर रहेंगे

एनपीएस अधिसूचना की होली जलाई
पेंशन हक़ है, लेकर रहेंगे
आज दिनांक 22.12.2021 को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान के तत्वाधान में तहसील सुहागपुरा मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में एनपीएसईएफआर आईटीसेल प्रदेश सयुक्त सचिव दिलीप पाण्डोर ने बताया कि संगठन के प्रांतव्यापी आह्वान पर हल्ला बोल आन्दोलन के दूसरे चरण में सुहागपुरा तहसील मुख्यालय पर सामूहिक रूप से सैकड़ों की संख्या में एकत्र होकर राजस्थान के कर्मचारियों ने अर्धसैनिक बलों एवं आईएएस अधिकारियों सहित केन्द्र के 22 लाख, 33 हजार, 348 नो पेंशन स्कीम कर्मचारियों अधिकारियों के पक्ष में एकता का प्रदर्शन करते हुए 22 दिसंबर 2003 को तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा जारी एनपीएस अधिसूचना की प्रतिलिपियों की होली जला कर विरोध प्रदर्शन किया ।
इस मौके पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बालाराम मीणा ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आन्दोलन के पश्चात अंग्रेजो ने इस देश में राजकीय कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था शुरू की परन्तु बड़ी विडंबना है कि आजादी के बाद तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुँचाने के लिए 22 दिसंबर 2003 को अधिसूचना जारी कर सशस्त्र सेनाओं को छोड़कर, 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए अर्धसैनिक बलों सहित सभी केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों की पेंशन छीन लेने का काम किया । जिसके बाद प्रमुख राजनैतिक पार्टियों एवं कॉरपोरेट घरानों के गठजोड़ के चलते केंद्र सरकार के दबाव में संविधान के भाग 11 की 7वीं अनुसूची के अनुच्छेद 245 से 255 की भावना का उल्लंघन करते हुए पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने कर्मचारियों पर शेयर बाज़ार आधारित नवीन अंशदायी पेंशन योजना थोप दी जो पेंशन योजना न होकर म्युचुअल फंड योजना है।
यशवंत मीणा ने बताया कि अब कर्मचारियों के आन्दोलन एवं एकजुटता की वजह से पुरानी पेंशन एक राजनैतिक मुद्दा बन चुका है। इसी वजह से जिस समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल 2005 से एनपीएस योजना लागू की थी, वही समाजवादी पार्टी अब विधानसभा चुनावों में कर्मचारियों का वोट बैंक लुभाने के लिए पिछले दिनों उत्तरप्रदेश में विधानसभा के अन्दर व बाहर पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में नारेबाजी कर रही थी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक़ है और देश का कर्मचारी अधिकारी व्यापक एकजुटता पैदा कर संगठित आंदोलनों के चलते पुरानी पेंशन लेकर रहेगा चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी कुर्बानियां देनी पड़े।
इस अवसर पर जितेंद्र मीणा, गोपाल मीणा, प्रवीण, तेजराम, चंपालाल, लाभाचंद, आसुराम, बदामीलाल, नारायण,रामलाल, शांतिलालजी, ईश्वरजी, राजीव, शंभूलाल ने विचार व्यक्त किये।