ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं करा सकती सरकार महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने लगाया आरोप -आशा सांभर |


श्रीमती आशा सांभर ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रिम कोर्ट से लगी रोक के संबंध में कहा की पंचायत चुनाव को लेकर याचिकाकर्ता के वकील रोटेशन लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट गये थे न की ओबीसी आरक्षण समाप्त कराने के लिए। ओबीसी आरक्षण निरस्त करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अपना पक्ष रखने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग व राज्य सरकार के वकीलो की थी । लेकिन सुप्रिम कोर्ट के फैसले पर इन दोनो ने अपना अपक्ष पक्ष नहीं रखा श्री मती आशा सांभर ने कहा की सरकार के इस रवैए से स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग की मिली भगत से ये सरकार जानबूझकर ओबीसी आरक्षण समाप्त करना चाहती है या यह कह सकतें हैं कि सरकार ओबीसी की आड़ लेकर पंचायत चुनाव को कराना ही नहीं चाहती।श्री मती आशा सांभर ने कहा की सरकार की मंशा चुनाव कराने की होती तो रोटेशन के हिसाब से 2019 के परिसिमन के हिसाब से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराती पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म कराने की गुनाहगार है बीजेपी ओबीसी एक बड़ा वर्ग है,सरकार की नाकामी से इस वर्ग की लाखों महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण का नहीं मिलेगा लाभ पंचायत चुनाव का आरक्षण खत्म होना भाजपा और आरएसएस की आरक्षण विरोधी नीति का हिस्सा महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने लगाया आरोप मध्यप्रदेश में हो रहे पंचायत चुनाव को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए दिए गए आरक्षण को समाप्त करके चुनाव कराने का निर्देश दिया है। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने एक बार फिर अदालत में अपना ओबीसी विरोधी चेहरा पेश किया है। अगर मध्य प्रदेश सरकार जोरदार तरीके से माननीय न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती तो आरक्षण समाप्त होने की नौबत नहीं आती । ओबीसी एक बड़ा वर्ग है,सरकार की नाकामी से इस वर्ग की लाखों महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा,उन्हें एक बड़े चुनाव से वंचित रहना पड़ेगा ।श्री मती सांभर ने कहा कि इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को गहरा धक्का पहुंचा है साथ ही इस वर्ग की महिलाओं के साथ बड़ा अन्याय हुआ है । उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की सोच हमेशा से आरक्षण को समाप्त करने की रही है। इसीलिए जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया और मामला माननीय उच्चतम न्यायालय में गया। अगर शिवराज सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय में सही ढंग से पैरवी करती तो इस तरह का फैसला नहीं आता।
श्रीमति सांभर ने कहा कि अपने षड्यंत्र और गलतियों और अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी चरित्र को छुपाने के लिए बीजेपी कांग्रेस पार्टी पर झूठे इल्जाम लगा रही है।श्रीमति सांभर ने कहा कि मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में या माननीय उच्च न्यायालय में नहीं गई थी। इस बात को कांग्रेस पार्टी ने 6 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्पष्ट शब्दों में सार्वजनिक कर दिया था। संबंधित पक्षकार निजी हैसियत में माननीय अदालत में गए थे। कांग्रेस पार्टी ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के असंवैधानिक पक्षों का विरोध किया था और उन्हें सार्वजनिक किया था। लेकिन कांग्रेस ने चुनाव का विरोध नहीं किया था। लेकिन भाजपा सरकार ने ओबीसी के साथ अन्याय किया है ।
श्रीमति सांभर ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय में पक्षकारों ने रोटेशन प्रणाली पर सवाल उठाया था जो कि ओबीसी आरक्षण से भिन्न विषय है। जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला सुनाया तो यह मध्य प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आरक्षण के समर्थन में उचित तर्क माननीय न्यायालय में पेश करती। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार का रवैया ओबीसी विरोधी है। नौकरियों में आरक्षण के मामले में हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई में भी सरकार की ओर से वकील पेश नहीं हुए और मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टल गई। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट में भी ओबीसी आरक्षण के बारे में पक्ष नहीं रखा गया और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में ऐसी असंवैधानिक गलतियां छोड़ दी थी जिनसे ओबीसी के हित प्रभावित हों। भाजपा सरकार को तत्काल इस मामले में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए ताकि ओबीसी वर्ग के लोगों को पंचायत में उनका हक मिल सके।
श्रीमती सांभर ने कहा कि माननीय कमलनाथ जी व महिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अर्चना जी जायसवाल के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ओबीसी के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेगी। माननीय कमलनाथ जी की सरकार ने नौकरियों में भी ओबीसी को आरक्षण दिया था जिस की लड़ाई कांग्रेस पार्टी अदालत में लड़ रही है। पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी हर तरह के आंदोलन और न्यायिक विकल्प के लिए तैयार हैं।