कृष्ण रुक्मणी विवाह भगवान शिव मंदिर मूर्ति ,कलश की स्थापना संपन्न

कृष्ण रुक्मणी विवाह भगवान शिव मंदिर मूर्ति ,कलश की स्थापना संपन्न
प्रतापगढ़ जिले में कुणी के निकटवर्ती गांव बसेरा में चारभुजा मंदिर परिसर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के छठे दिन शनिवार को कथावाचक पंडित माधव शास्त्री के मुखारविंद से पंचकुंड आत्मक महायज्ञ के चौथे दिन कथा के दौरान कृष्ण रुक्मणी विवाह का मार्मिक झांकी का मंचन किया गया वही सुबह से ही विधि विधान के साथ मूर्ति की स्थापना गोपाल कुमावत व कलश की स्थापना नाथूलाल कुमावत के द्वारा ध्वजा दंड की
स्थापना बसन्तीलाल सेन द्वारा की गई पूजा-अर्चना हुई इसके पश्चात कथावाचक पंडित शास्त्री के मुखारविंद से कथा में कृष्ण रुक्मणी विवाह पर श्रद्धालुओं द्वारा कन्यादान किया गया। पंडित ने कहा कि मनुष्य जीवन में सदैव कन्यादान महादान हे जोकि मनुष्य अपने आप में सदैव सच्चे मन से जितना भी दान करते हैं वह पुण्य के काम में आता है मनुष्य जीवन में सदैव अच्छे मन से कार्य किया जाता है वही जीवन में सफल होता है मनुष्य को सदैव अच्छी बातो का ध्यान में रखकर के एक कन्या सात पीढ़ी तक याद करते हैं वही राजा हरिश्चंद्र ने भी अपने सत्य वचन पर सारे राजपाट भी दान कर दिए थे दानवीर कर्ण ने भी अपने कानून कुंडल दान कर दिए थे जो महापुरुष होते हैं जिन्होंने भी अपने सत्य पर अटल रह करके जीवन को सफल बनाया तथा आज यह होंगे कार्यक्रम पंचकुंड आत्मक महायज्ञ के पांचवे दिन कथा संपन्न आसपास क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन कथा का लाभ ले रहे हैं।