केंद्र सरकार के दबाव में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शिवसेना संगठन पर फैसले पर कार्रवाई के लिए सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन

सरूपगंज। शिवसेना जिलाध्यक्ष
रमेश रावल के नेतृत्व में भावरी उपतहसील में राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन। ज्ञापन में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शिवसेना संगठन पर केन्द्र सरकार के दबाव में फैसले पर आपके द्वारा हो सख्त कार्यवाही।
शिवसेना जिलाध्यक्ष ज्ञापन के द्वारा आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि गत दिनों में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शिवसेना संगठन के नाम व चुनाव चिन्ह धनुष-बाण एवं शिवसेना सुप्रीमों स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के नाम व छायाचित्र को एकनाथ शिन्दे को सौंप दिया गया, जो संगठन के विरोध में अनुशासनहीनता के साथ संगठन के सांसदों व विधायकों एवं पार्षद, परिषद सदस्यों को प्रलोभन व दबाव में अपने साथ लेकर भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री के सहयोग से षड्यंत्र कर, मुख्यमंत्री पद के पर आसीन हो गए।
दिनांक 19-02-2023 को महाराष्ट्र में रैलियों के संबोधन में गृह मंत्री भारत सरकार के द्वारा मंचों से कहना कि शिवसेना ने धनुष-बाण एनसीपी व कांग्रेस के यहां शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने गिरवी रख दिया था, हम तो छुडा कर लाए हैं और 2024 का चुनाव शिंदे के साथ लड़ेंगे।
इससे भारत निर्वाचन आयोग ने जो शिंदे के पक्ष में अपना निर्णय दिया है वह स्वयं भारत निर्वाचन आयोग के विवेकाधिकार से नहीं दिया गया है। क्योंकि गृहमंत्री भारत सरकार ने मंच से घोषणा करना कि धनुष बाण उद्धव ठाकरे द्वारा एनसीपी व कांग्रेस के पास गिरवी रखा गया था हम छुड़ा कर लाए हैं इस कथन से गृहमंत्री का कबूल नामा हो जाता है कि भारत निर्वाचन आयोग ने भाजपा व गृहमंत्री भारत सरकार के आदेशोनुसार निर्णय शिंदे के पक्ष में दिया है। ज्ञापन द्वारा निवेदन किया कि लोकतंत्र को बचाते हुए लोकशाही को जीवित रखते हुए आप निष्पक्ष होकर, हम शिवसैनिकों को न्याय देने का कष्ट करें। जो कि जनहित में आम नागरिकों के साथ संवैधानिक न्याय का संदेश कायम रह सके, आपसे हम सब शिवसैनिक न्याय की अपेक्षा रखते हैं।