क्रांतिकारी शहीद होता है लेकिन उसके विचार हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं श्रीमती मधु बंसल ग्राम भीलों का खेड़ा में टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर समारोह का हुआ आयोजन | The News Day

*क्रांतिकारी शहीद होता है लेकिन उसके विचार हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं—-श्रीमती मधु बंसल*
*ग्राम भीलों का खेड़ा में टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर समारोह का हुआ आयोजन*
नीमच। टंट्या मामा भारत में सक्रिय एक जननायक थे। वे भारतीय “रॉबिन हुड” के रूप में विख्यात हैं। समाज को उनके जीवन से प्रेरणा लेना चाहिये। देश की आजादी में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अभावों में जीवन जीते हुए उन्होने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।यह बात ग्राम भीलों का खेड़ा में रविवार को आयोजित टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में श्रीमती मधु बंसल, अध्यक्ष कार्यकारी जिला कांग्रेस कमेटी नीमच ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। उन्होने कहा कि टंट्या मामा आदिवासी भील समुदाय में जन्मे थे, अभावों के बावजूद उन्होने एक क्रांतिकारी का जीवन जिया। उनके के तीर-कमान वर्तमान में लंदन के म्यूजियम में सुरक्षित हैं। अंग्रेजों से लूटे गए धन एवं वस्तुओं का उपयोग टंट्या मामा ने खुद के लिए कभी भी नहीं किया। वे लूटे हुए धन एवं वस्तुओं को गरीबों में बांट देते थे। उनका देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
श्रीमती बंसल ने कहा कि उन्हे अंग्रेजी हुकुमत कभी पकड़ नहीं पाई। एक बार धोखे से उन्हे पकड़ा गया और फांसी की सजा सुना दी गई। श्रीमती बंसल ने कहा कि स्वतंत्रता की लड़ाई में एक क्रांतिकारी शहीद होता है, उसका शरीर हमारे बीच नहीं रहता है, लेकिन उनके विचार हमेशा के लिए अमर हो जाते है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से टंट्या मामा के जीवन से प्रेरणा लेने की बात भी कही। कार्यक्रम के शुभारंभ पर श्रीमती बंसल एवं समुदाय के पदाधिकारियों ने क्रांतिकारी टंट्या मामा की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस दौरान आदिवासी भील समाज के जिलाध्यक्ष अम्बालाल भील, जिला प्रभारी दुर्गेश भील,सचिव नानूराम भील, रमेश भील, सरपंच सोहनलाल रावत, बंशीलाल गेहलोत, पन्नालाल सोनी, भगवती बाई आदि महिला पुरुषों ने श्रीमती बंसल का स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन पर मिठाई वितरित की गई। इस के बाद श्रीमती बंसल ने ग्रामीणों से चर्चा की और उनकी समस्याएं सुनीं, साथ ही समस्याओं का निराकरण कराने का आश्वासन भी दिया।