गायों को सड़कों पर खुल्ला छोड़ कर बेमौत मारने पर तुले है गोपालक

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ऐसे कैसे बचेगा संक्रमण से गोवंश
गायों को बेमौत मारने पर तुले है गोपालक
प्रतापगढ़। प्रदेश में लंपी संक्रमण गोवंश पर कहर बन कर टूट रहा है। संक्रमण से गोवंश को बचाना सरकार के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है। हजारों गोवंश प्रतिदिन इसकी जद में आकर अकाल काल का ग्रास बनता जा रहा है। पशुपालन विभाग की माने तो जिले में 20 हजार से अधिक गोवंश इसकी चपेट में है। गोवंश में संक्रमण आग की तरह फैल रहा है। पशुपालन विभाग, गोरक्षक, गोशाला एवं कई समाजसेवी संगठन संक्रमित गोवंश को इसके प्रभाव से बचाव के लिए भरसक प्रयास कर रहे है। बावजूद इसके सफलता का ग्राफ गिरता जा रहा है। हालांकि जिले में संक्रमित गोवंश में मृत्यु दर का कम होना ही सबसे बड़ी राहत भरी खबर है।
नकारा नोडल अधिकारी
जानकारी में आया कि संक्रमण काल में जिला मुख्यालय पर नियुक्त डा. जीपी परतानी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। लेकिन उनका फोन अधिकांश समय बंद रहने से पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गंभीर अवस्था में यदि कोई गोपालक अपने गोवंश के लिए स्वस्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करना चाहे तो उसके लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति नकारा साबित हो रही है।
गोपालकों की लापरवाही बन रही मौत का सबब जिला मुख्यालय पर सैकड़ो गोवंश लावारिस घुम रहा है। संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लरावारिस हालत में घुमते गोवंश को संक्रमित पशु के संपर्क में आने के बाद स्वस्थ गोवंश अकाल मोत के मुंह में जा रहा है। जिसके लिए पशुपालक भी गोवंश की इस हालत के लिए कहीं न कही जिम्मेदार है। हालांकि प्रशासन को भी संक्रमण काल के दौरान गोपालकों के लिए दिशानिर्देश जारी कर गोपालकों को पांबद किया जाना चाहिए की ऐसे हालात में अपने गोवंश को लावारिस हालत में न छोड़े। संक्रमण की चपेट में आने से स्वस्थ गोवंश अकाल मौत मर रहे है। इसी क्रम में प्रतापगढ़ जिले में कई सामाजिक संगठन एवं गौ भक्त कर रहे गोशाला एवं कांजी हाउस में औषधीय लड्डूऔ का वितरण गायों में चल रहे लंपी वायरस के तहत ।