ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही सिंगोली तहसील क्षेत्र बना मिट्टी माफियाओं का हब खनिज और राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से शासकीय और निजी जमीनों से मिट्टी उत्खनन का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर शासन को लाखों रुपए राजस्व का लगा रहे चुना छे से आठ हजार रूपये प्रति डंपर के मान से किसानों को मिट्टी बेच रहे मिट्टी माफिया

Chautha samay@singoli news
सिंगोली:- जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित व मध्य प्रदेश के अंतिम छोर पर राजस्थान की सीमा से लगी सिंगोली तहसील क्षेत्र इन दिनों ग्रीष्म ऋतु के शुरू होते ही मिट्टी माफियाओं का हब बना हुआ है जहां खनिज और राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से शासकीय और निजी आधिपत्य की जमीनों से अवैध मिट्टी उत्खनन का कार्य बदस्तूर जारी है जिसे रोकने और टोकने वाला कोई नहीं है क्षेत्र में बड़े पैमाने पर चल रहे मिट्टी खनन के अवैध कारोबार से जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है वही शासन को भी लाखों रुपए राजस्व की प्रतिदिन हानि हो रही है वही मिट्टी माफिया छै से आठ हजार रूपये प्रति डंपर के मान से किसानों को मिट्टी बेचकर मालामाल हो रहे हैं ऐसा नहीं है कि बड़े पैमाने पर प्रति वर्ष क्षेत्र में होने वाले अवैध मिट्टी उत्खनन को लेकर खनिज और राजस्व अमले के प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी भनक ना हो बावजूद मिट्टी उत्खनन का होना प्रशासनिक कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है वर्तमान में क्षेत्र में चल रहे मिट्टी उत्खनन के अवैध कारोबार में लिप्त मिट्टी माफियाओं में से अधिकांश सत्तारूढ़ और विपक्षी दल से ताल्लुक रखने वाले मिट्टी माफिया पूरे राजनीतिक वजूद के साथ अवैध मिट्टी उत्खनन कारोबार को अंजाम दे रहे हैं जिससे क्षेत्र में आए दिन छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी घटित हो रही है जिनमें मिट्टी माफिया राजनैतिक दबाव और पैसों के दम पर आपसी रजामंदी भी प्रशासन को भनक लगने से पहले ही कर लेते हैं जिससे कि कोई बड़ा विवाद खड़ा ना हो और प्रशासन को खुलेआम चैलेंज भी शायद इसी वजह से प्रशासनिक अधिकारी भी मिट्टी माफियाओं पर कार्यवाही करने से बच रहे हैं लंबे समय से निर्बाध रूप से जारी मिट्टी अवैध उत्खनन पर ना तो अब तक खनिज विभाग के अधिकारियों और ना ही राजस्व अमले के किसी जिम्मेदार अधिकारी ने कार्रवाई को अंजाम दिया है जिसकी वजह से हरे पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा कर मिट्टी माफियाओं द्वारा पर्यावरण के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है वही सरकार के पर्यावरण बचाओ अभियान को भी जमकर पलीता लग रहा है एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में किसी भी तरह के माफियाओं को नहीं बख्शने की बात कर रहे हैं तो उनकी ही सरकार के प्रशासनिक अधिकारी उनके आदेशों की खुलकर धज्जियां उड़ा कर माफिया अभियान को पलीता लगा रहे हैं जिसकी वजह से क्षेत्र में मिट्टी माफियाओं के हौसले बुलंद है क्षेत्र में प्रति वर्ष होने वाले मिट्टी उत्खनन के अवैध कारोबार पर अब तक ना तो किसी अधिकारी ने कोई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया यही वजह है कि क्षेत्र में स्थानीय मिट्टी माफियाओं के साथ ही राजस्थान के मिट्टी माफिया भी पूरी तरीके से सक्रिय होकर खाली पड़ी जमीनों से मिट्टी निकाल कर बेखौफ अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं यही नहीं मिट्टी माफियाओं द्वारा गरीबों की जमीनों को भी नहीं बख्शा जा रहा है और आए दिन क्षेत्र में अवैध मिट्टी उत्खनन का कार्य विवादों का कारण बनता जा रहा है वर्तमान में तहसील क्षेत्र के अथवाकला, शेहणातलाई, अरनिया, नयागांव, फुसरिया,सोड़ीजर, लालगंज, ,नयागांव कातर खेड़ा मोका का डोल सिंगोली के ऐसे क्षेत्र हैं जहां मध्यप्रदेश और राजस्थान के मिट्टी माफियाओं द्वारा जेसीबी व एलएनटी मशीनों की सहायता से बड़े पैमाने पर अवैध तरीके से शासकीय और निजी आधिपत्य की जमीनों से मिट्टी उत्खनन का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है क्षेत्र के नागरिकों ने जिला कलेक्टर से हस्तक्षेप कर उक्त कारोबार पर अंकुश लगाने की मांग भी की है