तंबाकू मुक्त प्रतापगढ़ कोटपा एक्ट का उल्लंघन पडा महंगा, नियमों के उल्लघंन करने वालों का कटा चालान

तंबाकू मुक्त प्रतापगढ़ कोटपा एक्ट का उल्लंघन पडा महंगा, नियमों के उल्लघंन करने वालों का कटा चालान
प्रदेशभर सहित जिले में चलेगा अब तक का सबसे बड़ा कोटपा एक्ट का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ अभियान
शनिवार को प्रदेशभर के साथ प्रतापगढ़ जिले में कोटपा एक्ट 2003 के अंतर्गत अब तक का सबसे बड़ा चलानिंग अभियान चलाया गया। जिला व पुलिस प्रशासन के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी एक ही दिन में अपने-अपने क्षेत्रों में कोटपा एक्ट के उल्लंघनकर्ताओं पर नकेल कसी। कलक्टर सौरभ स्वामी ने बताया कि जिले में शनिवार को अभियान के तहत शाम चार बजे तक 41217 लोगों का चालान काटा गया। जिसमें जुर्माना वसूलने के साथ कोटपा एक्ट का उल्लघंन करने वालों को मौके पर धूम्रपान नहीं करने और कानून के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि निरोगी राजस्थान अभियान के तहत 100 दिवसीय कार्ययोजना तैयार की गई थी। जिसमें विभिन्न ग्राम पंचायतों में नारालेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता, साइनऐज का प्रदर्शन सहित कोटपा एक्ट के तहत चालान की कार्यवाही भी प्रस्तावित थी। इसी के तहत आमजन को जागरूक करने एवं नियमों के बारे में जानकारी देने के लिए शनिवार को सभी विभागों के सहयोग से चालान की कार्यवाही की गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला एनटीसीपी सेल के नोडल अधिकारी डॉ वीडी मीना ने बताया कि इसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से करीबन 1000 चालान बुक को प्रिंट करवाया गया था। जिसे विभिन्न विभागों को वितरित किया गया था। इसके अंतगर्त शहर से लेकर गांव तक सार्वजनिक स्थानों पर दुकानों, संस्थानों व व्यक्तियों पर कोटपा एक्ट की धारा 4 व 6 के तहत एक रूपए से लेकर 200 रूपए तक के चालान काटे गए वही देर शाम चालान की कार्यवाही जारी रही।
राज्य स्तर से हर घंटे हुई मॉनीटरिंग
सीएमएचओ ने बताया कि इसमें स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग है लेकिन संभाग प्रशासन, जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन की भूमिका सबसे ज्यादा रही। वहीं राज्य स्तर से जिलों में की गई कार्यवाही की सूचना लेने के लिए राज्य स्तरीय अधिकारी सुबह 7 बजे से ही जुट गए। उन्होंने बताया कि अंतिम रिपोर्ट रात्रि 12 बजे से पूर्व की जाएगी। इसके बाद आकंड़ों का पता चल सकेगा।
जिला स्तरीय कंट्रोल रूम की गई थी स्थापनाः- योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए एवं अन्य विभागों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई थी। जिसके द्वारा हर घंटे कार्यवाही की रिपोर्ट ली गई।