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तीनों काले कृषि कानून वापस भाजपा सरकार के अहंकार की हार व किसानों के प्रयासों और गणतंत्र की जीत है कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार

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*-तीनों काले कृषि कानून वापस*
*भाजपा सरकार के अहंकार की हार व किसानों के प्रयासों व गणतंत्र की जीत है- कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार*

सिंगोली। तीनो कृषि के काले कानून को लेकर पहले दिन से ही किसानों के साथ काॅंग्रेस पार्टी व विपक्ष कहता रहा है कि तीनों कृषि कानून असंवैधानिक हैं। जिसकी वजह से लगभग 700 से अधिक किसानों की जान गई। अगर प्रधानमंत्री मोदीजी अपना अहंकार एक तरफ रखकर संविधान के हिसाब से काम करते तो न यह कानून बनते और न किसानों की जान जाती। यह फैसला देर से लिया गया है। यह सभी किसानों की जीत है। अहंकार की हार किसानों के प्रयासों की आखिरकार जीत हुई है।
उक्त बात जावद के पूर्व जनपद अध्यक्ष सत्यनारायण पाटीदार ने कही। उन्होने कहा कि यह अहंकार की हार और किसानों की, गणतंत्र की जीत है। लोग आगामी चुनावों में केंद्र सरकार को माफ नहीं करेंगे। यह झूठी माफी किसी काम नहीं आएगी। जिन्होंने माफी मांगी, उन्हें हमेशा के लिए राजनीति भी छोड़ देनी चाहिए। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की प्रधानमंत्री की घोषणा नीति परिवर्तन या हृदय परिवर्तन से प्रेरित नहीं है। यह चुनाव के डर से प्रेरित है। चुनाव आया तो माफी मांग रहे हैं। जबकि भाजपा नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा, आपने खुद आंदोलनजीवी बोला। उन पर लाठियां बरसाईं, उन्हें गिरफ्तार किया। अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी। मोदी जी आपकी नीयत और आपके बदलते हुए रुख पर विश्वास करना मुश्किल है।
श्री पाटीदार ने कहा कि बीते 14 माह से कृषि के तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग के साथ भाजपा की केंद्र सरकार के विरुद्ध किसानों द्वारा निरंतर आंदोलन किया जा रहा था। किसान धूप , गर्मी, सर्दी हर मौसम में हर परिस्थिति का सामना करते हुए निरंतर तीनों कृषि के काले कानून वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। वहीं कांग्रेस पार्टी भी किसानों के इस आंदोलन में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी निरंतर किसानों के साथ तीनों कृषि के काले कानूनों को वापस लेने की मांग करते रहे एवं किसानों के आंदोलन में उनके बीच पहुंचकर किसानों के साथ खड़े रहे। कांग्रेस ने देश भर में किसानों के समर्थन में जगह जगह आयोजन किए, रैलियां निकाली। नीमच में भी किसानों के समर्थन में तीनों काले कृषि कानून वापस लेने के समर्थन में विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी। किसानों के निरंतर चल रहे आंदोलन के आगे केंद्र की भाजपा सरकार को झुकना पड़ा परिणाम यह रहा कि 19 नवंबर के दिन इंदिरा गांधीजी की जयंती के अवसर पर भाजपा सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की गई। यह इन्दिरा गाॅधीजी के नीतियों की जीत है।
आज प्रकाश पर्व दिवस व पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गाॅधीजी की जयंती के दिन कितनी बड़ी खुशखबरी मिली है। तीनों कानून रद्द हुए पर दुख इस बात का है कि 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। केन्द्र सरकार को बहुत पहले ही यह फैसला ले लेना चाहिए था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन। श्री पाटीदार ने कहा कि मरने वाले किसानों के परिवार को मदद दे सरकार। उन्होनंे अब सरकार से आव्हान किया है कि जो किसान शहीद हुए उन्हें उचित मदद दे, उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये।
सत्यनारायण पाटीदार ने कहा कि भाजपा सरकार को बेकाबू हो चुकी महंगाई की और ध्यान देकर हर वस्तु के दामों में कमी कर आमजन को राहत प्रदान करना चाहिये। नहीं तो आने वाले चुनावों के बाद जनता ऐसा सबक सिखायेगी की हर वस्तु में हर जगह मजबूरन महंगाई कम करना ही पडेगी। किसानों व आमजनता का क्रोध भाजपा सरकार के विरूद्ध देखा जा सकता है। ये सभी आने वाले चुनावों में भाजपा सरकार को सबक सिखाने को आतुर नजर आ रहे है।

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