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प्राधिकरण सचिव ने स्कूली विद्यार्थियों को किया सम्बोधित और दी विधिक जानकारी
प्रतापगढ़। जिले के प्राधिकरण सचिव, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश शिव प्रसाद तम्बोली द्वारा ग्राम वरमण्डल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
उल्लेखनीय है कि हाल ही दो-तीन दिवस से वरमण्डल के सरकारी विद्यालय में एक अध्यापक के द्वारा विद्यालय में अध्यनरत छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने संबंधी खबरें प्रकाशित हो रहीं हैं। प्राधिकरण सचिव तम्बोली ने इसे सामाजिक तौर पर एवं विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं के लिये एक गम्भीर अप्रिय घटना माना। इसके लिये आयोजित शिविर के दौरान विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं को इस संबंध में सचेत और सजग रहने के संबंध में बताया और कहा कि यदि किसी भी छात्रा अथवा छात्र के साथ इस प्रकार की कोई भी हरकत विद्यालय के विद्यार्थी अथवा विद्यालय स्टॉफ द्वारा हो रही हों तो इस संबंध में बिना किसी डर और हिचकिचाहट के अपने परिजनों, गुरूजनों से खुलकर बतायें ताकि ऐसी परिस्थितियां बढ़ने से रोका जा सके। इस हेतु बाल न्यायालय भी संचालित है। साथ ही इस संबंध में पुलिस अथवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भी स्वयं उपस्थित होकर सम्पर्क किया जा सकता है, ताकि ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही की जाकर दौबारा घटीत ना हो ऐसे कठोर कदम उठाये जा सकें। उपस्थित स्टॉफ को भी इस संबंध में सचेत रहने और मनोवैज्ञानिक तरिके से बच्चों के मनोबल को मजबूत बनाने हेतु कहा। इस संबंध में प्राधिकरण द्वारा जिला बाल कल्याण समिति को भी मामले की वास्तविकता को गम्भीरता से लेते हुए अपने साथ एक महिला काउंसलर को साथ रखते हुए संबंधित विद्यालय पहॅूच कर उचित कार्यवाही करने के लिये लिखा गया। साथ ही मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को भी जिले के समस्त विद्यालयों में विद्यार्थियों को जागरूक करने हेतु लिखा गया। प्राधिकरण सचिव तम्बोली ने उपस्थित स्टॉफ से अपील की कि छात्र-छात्राओं की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करें ताकि विद्यालय की गरीमा बनी रहे, प्रतिष्ठा धूमिल ना हों और मां सरस्वती के मंदिर में विध्याध्ययन हेतु छात्र-छात्राओं को पवित्र वातावरण मिले। विद्यार्थी आने वाले समय के कर्णधार हैं और इनके संरक्षण हेतु पॉक्सो एक्ट कानून भी बना हुआ है। इस संबंध में भी समय-समय पर विद्यार्थियों को जागरूक किया जा रहा है। दौराने शिविर प्राधिकरण सचिव ने बाल विवाह निषेध कानून के बारे में विस्तार से समझाते हुए बताया कि बाल विवाह करने करवाने पर दो साल का कठोर कारावास व एक लाख रूपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान है। मृत्यु भोज निषेध कानून, डाकन प्रथा निषेध कानून, शिक्षा का अधिकार कानून 200़9, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की अनिवार्यता और उपयोगिता के बारे में भी विस्तार से समझाया। विशेष योग्यजन के हितार्थ उनके पहचान पत्र सुनिश्चित करने एवं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तथा कृत्रिम अंग एवं अन्य लाभ उपलब्ध कराने हेतु रालसा द्वारा जारी स्कीम के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रशासनिक अधिकारिगण के साथ बैठक का आयोजन ए0डी0आर0 भवन में किया जा चुका है, इस हेतु विशेष योग्यजनों हेतु सर्वे करवाया जा रहा है। जिससे पात्रजनों को चिन्हित किया जाकर उन्हें लाभ दिलाया जा सकेगा। प्राधिकरण सचिव ने जानकारी दी कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार नशामुक्ति हेतु अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत जिले के समस्त विद्यालयों में स्कूली विद्यार्थियों को ड्रग्स, शराब व अन्य प्रकार के नशे से होने वाले दुष्प्र्रभावों की जानकारी दी जायेगी और किसी भी प्रकार के नशे से बचने के लिये प्रेरित किया कया जा रहा है। आयोजित शिविर में बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि उक्त संस्थान द्वारा 52 प्रकार के प्रशिक्षण यथा – अगरबत्ती बनाना, साबुन बनाना, ब्यूटी पार्लर कोर्स, केंचुआ खाद बनाना, पापड़ बनाना आदि निःशुल्क प्रदान किये जाते हैं। जहां अपना पंजीयन करवाकर इसका लाभ लिया जा सकता है। उक्त संस्थान द्वारा पंजीकृत लाभार्थियों को निःशुल्क रहना व खाना भी उपलब्ध करवाया जाता है।