न्यायिक कर्मचारी की जज के बंगले पर संग्धिक्त अवस्था में मौत , कर्मचारी संघ आंदोलन की राह पर

प्रतापगढ़ – राजस्थान के जयपुर महानगर में पदस्थ एक न्यायाधीश के बंगले पर एक कर्मचारी मेहरा की लाश पिछले 20 दिनों पहले प्राप्त हुई थी, समाचार लिखे जाने तक मृतक कर्मचारी की मौत किन कारणों से हुई, मृतक की मौत को लेकर किसी भी तरह का मामला पुलिस में दर्ज नहीं किया गया।
इन तमाम सारी बातों को लेकर राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ प्रतापगढ़ के कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले गए हैं और धरने पर बैठे हैं। कर्मचारियों की मांग है कि मृतक मेहरा की मौत की न्यायिक सीबीआई जांच कराई जाए, मृतक की मौत पर मामला पुलिस में दर्ज कराया जाए। कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष वैष्णव ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया है कि मृतक कर्मचारी को उसकी मृत्यु के 4 दिन पहले पुलिस वाले उसके घर से उसे यह कहकर बुला कर लेकर गए थे की न्यायधीश के बंगले पर चलना है। न्यायधिश ने बुलाया है उसके बाद उस कर्मचारी की संदिग्ध मौत हो गई और उसकी लाश न्यायाधीश के बंगले पर मिली। जिला अध्यक्ष वैष्णव के द्वारा यह भी बताया गया है कि इस मामले में हमने कई बार प्रशासन को ज्ञापन दिए हैं। एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है व इस मामले की जांच की मांग की है लेकिन आज तक हमारी मांग पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब हमने मजबूर होकर अपने मृतक कर्मचारी को न्याय दिलाने के लिए सामूहिक अवकाश ले लिया है। और यह अनिश्चितकालीन है, जब तक एफआईआर नहीं लिखी जाती जब तक हमारे कर्मचारी की मौत पर कारवाई व हमारी मांगे नहीं पूरी की जाती तब तक हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा। राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ प्रतापगढ़ जिला अध्यक्ष वैष्णव ने यह भी कहा है कि मृतक को कम से 50 लाख रू मुआवजा दिया जाना चाहिए, साथ ही यह भी मांग की है कि अब कोई भी अन्य कर्मचारी किसी भी न्यायाधीश के बंगले पर काम नहीं करेगा। हम लोग सिर्फ ऑफिस में काम करेंगे और ऑफिस के बाद अपने घर चले जाएंगे। जयपुर महानगर का यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। न्यायधीश के बंगले पर संदिग्ध मौत होने के कारण पुलिस भी इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और अभी तक जयपुर पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर नहीं लिखी है। और ना ही किसी तरह की जांच की है। यह भी एक जांच का विषय है और तमाम सारे मामले को लेकर जयपुर पुलिस पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। एवं इसके साथ ही जिस न्यायाधीश के बंगले पर यह घटना घटित हुई है या उस कर्मचारी की मौत हुई है उस न्यायधीश पर भी अनेक सवाल उठ रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को इस मामले को संज्ञान में लेना चाहिए और अपने जयपुर महानगर के न्यायाधीश के बंगले पर हुई इस न्यायिक कर्मचारी की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कराना चाहिए। व मृतक कर्मचारी के परिवार को जो कर्मचारी संघ द्वारा मांग कर रहा है वह मुआवजा देना चाहिए और साथ ही मृतक के परिवार के किसी एक व्यक्ति को शासकीय सेवा मे लिया जाना चाहिए। जिससे न्यायपालिका के न्यायाधीश पर उठाए सवाल और पुलिस पर उठे सवाल पर विराम लग सके।