पर्यावरण बचाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी: दिनेश गमेती

प्रतापगढ़। विश्व पर्यावरण दिवस पर आदिवासी परिवार के युवाओं द्वारा विचार गोष्ठी बैठक की गई जिसमें मुख्य वक्ता भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य दिनेश गमेती रहे। बैठक में गमेती ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए आज 5 जून को पर्यावरण दिवस है हमें इस को दिवस मनाने के साथ-साथ धरातल स्तर पर पर्यावरण संरक्षण की सौगंध भी लेनी होगी।
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के ब्लॉक संयोजक की किशन मईडा ने जल जंगल और जमीन अगर कोई बचा सकता है तो सिर्फ आदिवासी बचा सकता है आदिवासी ही पर्यावरण का भक्षण बन जाएगा तो इसका संरक्षण कौन करेगा। राजेश डिंडोर ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बना हुआ वन विभाग पूरी तरह से लापरवाह है वन विभाग नहीं था उससे पूर्व जंगलों का संरक्षण पूरी तरह से आदिवासी करता था बड़े पैमाने पर पेड़ पौधे रहते थे जंगलों में ज्यों ही वन विभाग ने जिम्मेदारी संभाली धीरे-धीरे जंगल खत्म होते जा रहे हैं। अगर असल में वन विभाग जंगल को बचाता तो प्रतिवर्ष लगाए जाने वाले पौधों का संरक्षण क्यों नहीं होता इतने बड़े पैमाने पर जो पौधे लगाए जाते हैं वह कहां जाते हैं कौन खा जाता है यह एक बड़ा सवाल है। कन्हैयालाल चरपोटा ने कहा कि इस पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक इंसान को जो ऑक्सीजन से जीवित है उसको ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए एवं संरक्षण करना चाहिए धरती पर तापमान बढ़ने का मुख्य कारण ही जंगलों की कटाई है।
सुखराम चरपोटा ने आगे बताया कि इस वर्ष अगर वन विभाग पौधे लगाकर संरक्षण नहीं करता है तो पिछले वर्षों में लगाए गए पौधों का हिसाब भी पूछा जाएगा तथा जो दोषी और भ्रष्ट कर्मचारी अधिकारी होंगे उनके खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
रमेश निनामा ने बताया कि बढ़ते भौतिकवादी जीवन ने मानव को इतना स्वार्थी बना दिया कि पेड़ लगाना तो ठीक थे उनको कटवा दिया इसलिए ज्यादा से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाना जरूरी है।
पर्यावरण विचार बैठक में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के ब्लॉक संयोजक किशन मईडा, सुखराम चरपोटा, राजेश डिंडोर, हीरालाल, कन्हैया लाल चरपोटा आदि उपस्थित रहे।