पिपलियाहाड़ी पंचायत: जांच कर जिला पंचायत सीईओ को भेजा प्रतिवेदन, वसूली के साथ होगी नियम अनुसार कार्रवाई

नीमच। मनासा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपलियाहाड़ी सेगरिकेशन शेड भ्रष्टाचार मामले में जांच दल ने कार्य का मूल्यांकन कर मनासा सीईओ को जांच रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसके आधार पर जिला पंचायत सीईओ को वसूली व पंचायती राज अधिनियम अनुसार तत्कालीन सरपंच सचिव पर कार्रवाई करने हेतु प्रतिवेदन प्रेषित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि यह मामला 4 मई 2023 को *चौथा समय* में समाचार के माध्यम से गंभीरता के साथ प्रशासन के संज्ञान में लाया गया था। मनासा जनपद पंचायत सीईओ डीएस मसराम ने तत्परता से मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच दल गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। जांच दल ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य का मूल्यांकन किया और जांच रिपोर्ट में वास्तविकता से अवगत कराते हुए पाया की आहरण की गई राशि के अनुसार कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। वसूली व पंचायती राज अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही करने हेतु प्रतिवेदन मनासा सीईओ द्वारा जिला पंचायत को प्रेषित कर दिया गया है।
पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 89 अंतर्गत तत्कालीन सरपंच-सचिव को नोटिस दिया गया है। पंचायत में सरपंच नवनिर्वाचित है, लेकिन सचिव वर्तमान में भी आरोपित ही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार आरोपित सचिव कार्य करवाने में जुटा हुआ है, लेकिन ठेकेदार भी अपनी पुरानी रकम बकाया होने की वजह से कार्य नहीं कर रहा है। बता दें कि इससे पहले सचिव देवरी खवासा पंचायत में था और वहां भी शमशान घाट पर निर्माण कमरे में भ्रष्टाचार का मामला जिला पंचायत में लंबित चल रहा है।
पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 92 के तहत तत्कालीन सरपंच-सचिव पर एफआईआर दर्ज करवाई जाकर अभियोजन भी चलाया जा सकता है। गौरतलब है कि ऐसे ही भ्रष्टाचार के मामले में कुछ दिन पहले नीमच नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारी व एक फर्म को न्यायालय ने दोषी मानते हुए 10-10 साल की सजा से दंडित किया है। राजस्व के एक रुपए का भी गबन, भ्रष्टाचार, हेरा-फेरी व दुरुपयोग अपराध की श्रेणी में आता है, लेकिन उससे भी बड़ा अपराध इन भ्रष्टाचारीयों को संरक्षण देना है। अब देखना है जिला पंचायत सीईओ इस मामले में कब संज्ञान लेते हैं, और कैसी कार्रवाई करते हैं।