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पिपल्याहाड़ी पंचायत घोटाला: सेग्रिगेशन शैड में लाखों का भ्रष्टाचार, एक रूपया छोड़ निकाली पूरी राशि, धरातल पर कार्य आधा अधूरा

पिपल्याहाड़ी पंचायत घोटाला: सेग्रिगेशन शैड में लाखों का भ्रष्टाचार, एक रूपया छोड़ निकाली पूरी राशि, धरातल पर कार्य आधा अधूरा

 

नीमच। मनासा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत पिपल्याहाड़ी में सेग्रिगेशन शैड निर्माण में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है। 4 लाख 72 हज़ार रूपए लागत की इस योजना में मात्र एक रूपया छोड़ पूरी राशि का आहरण 3 फ र्मो के 9 बिलों से महज 35 दिनों मे कर लीया गया है, लेकिन निर्माण अभी भी आधा अधूरा ही है। यह पूरा घोटाला पुराने सरपंच-सचिव के कार्यकाल का है, जिसमें सचिव राजेन्द्र सिंह अखावत अभी भी इसी पंचायत में पदस्थ है।

केन्द्र सरकार की योजना १५वें वित्तीय आयोग की टाईड राशि की किश्त 4 लाख 97 हज़ार 574 रूपए पंचायत को दिनांक 23 अक्टूबर 2021 को प्राप्त हुई। राशि प्राप्त होने के सातवें दिन 30 अक्टूबर 2021 को कुल 01 लाख 94 हज़ार 700 रूपए, 29 नवम्बर 2021 को कुल 1 लाख 64 हज़ार 999 रूपए, 30 नवम्बर 2021 को कुल 50 हज़ार 500 रूपए एवं 05 दिसम्बर 2021 को कुल 61 हज़ार 800 का भुगतान किया जाकर स्वीकृत राशि में मात्र एक रूपया छोड़ा गया। (उक्त भुगतान को दर्शाई गई टेबल से आसानी से समझा जा सकता है।)

दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा रहना इस बात को प्रमाणित करता है कि उक्त योजना में खुलेआम भ्रष्टाचार हुआ है। भुगतान सरपंच-सचिव की सहमती से होता है, लेकिन इस पंचायत मे पूर्व महिला सरपंच होने के कारण सचिव का बोलबाला ज्यादा रहा। जिस तेजी से भुगतान किया गया उतनी तेजी से कार्य नही हुआ। आश्चर्यजनक बात यह है कि दो साल से अधिक समय बीत जाने व तीन साल की ओर अग्रसर इस भ्रष्टाचार पर अभी तक भी किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी? अगर प्रशासन के संज्ञान में मामला है तो फि र कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कार्य का मूल्यांकन उपयंत्री ने केसे किया और ऑडिट किलियर केसे हुई? ऐसे कई सवाल है जो संदिग्धों की तरफ इशारा करते है।

इतना बड़ा भुगतान मात्र ९ बीलों से कर देना यह बताता है कि बाजार में माल बेचने वाली संस्थाऐं भी इन्हीं के साथ मिलकर राजस्व को पलिता लगा रही है, क्योंकि वास्तव में इन्होंने माल बेचा होता तो यह निर्माण अधूरा नहीं रहता। अपने माल को बेचे बगैर कमीशन लेने वाली ऐसी संस्थाओं को भी चिन्हित कर माल क्रय नहीं करने के लिए शासकीय विभागों को प्रतिबंध करने की आवश्यक्ता है। ऐसी दोषी पाए जाने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी संवैधानिक कार्रवाई करने के लिए वाणिज्य कर विभाग एवं जिला कलेक्टर से चर्चा की गई है।

गौरतलब है कि 1 मई 2023 को जिला कलेक्टर द्वारा बेस्ट एम्पोलॉई अवार्ड प्रारंम्भ किया गया है जिसमें सर्वप्रथम मनासा जनपद पंचायत सीईओ डीएस मसराम को व नीमच जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत केलूखेड़ा सचिव रोड़ीलाल राठौर को सम्मानीत किया गया है। अभी तक उक्त भ्रष्टाचार के सन्दर्भ में जनपद मनासा सीईओ मसराम से बातचीत नहीं कि गई है, लेकिन उनकी कार्यशेली बताती है कि वह इस समाचार पर अवश्य संज्ञान लेकर संवैधानिक कार्रवाई करेंगे। बताते चलें कि नीमच जिले में सीएम हेल्पलाईन शिकायत रेटिंग मे भी सीईओ डीएस मसराम अभी तक प्रथम स्थान बनाऐ हुए हैं।

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