पूर्ण नैनो फर्टिलाइजर गांव को मिलेगा पांच लाख रुपए का इनाम

प्रतापगढ़। नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का शत प्रतिशत उपयोग करने वाले गांवों को इनाम के तौर पर पांच लाख रुपए का विशेष अनुदान दिया जायेगा I ऐसा करके सरकार नैनो उर्वरकों को किसानों के बीच लोकप्रिय बनाना चाहती है ताकि विदेश से उर्वरकों का आयात कम किया जा सके l केंद्रीय रसायन और ऊर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने गुजरात के भावनगर स्थित पलीताना में आयोजित एक सहकारिता सम्मेलन में कहा की किसान अगर नैनो उर्वरकों का उपयोग बढायेंगे तो देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होंगा l
केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने किसानों के साथ संवाद में कहा की भारत में उत्पादित नैनो उर्वरकों की मांग आज देश और दुनिया में बढ़ी है l भारत में किसान नैनो यूरिया को सस्ते दामों पर खरीद कर कृषि लागत में न सिर्फ कमी ला रहे है बल्कि मिट्टी व पर्यावरण की रक्षा कर धरती के प्रति अपना कर्त्तव्य भी अदा कर रहे है l डॉ. मांडविया ने कहा की भारत के जिस गांव में परंपरागत यूरिया की एक भी बोरी नही बिकेगी और उसकी जगह सभी किसान नैनो यूरिया का उपयोंग करेंगे, उस गांव को पांच लाख रुपए का विशेष अनुदान दिया जायेगा l मंत्री ने किसानो से कृषि में आने वाले नए बदलाव को स्वीकार करने की अपील की l नैनो यूरिया का उपयोग बढ़ने का सीधा लाभ देश की अर्थव्यवस्था को होंगा l वर्तमान में देश को यूरिया का भारी मात्रा में आयात करना पड़ता है l इस पर कीमती विदेशी मुद्रा खर्च होती है l देश में यूरिया की कुल खपत 350 लाख टन की है l इसमें से 90 लाख टन का आयात करना पड़ता है l आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार साल 2025 तक आंठ नैनो यूरिया प्लांट स्थापित करने और नैनो यूरिया की 44 करोड़ बोतल की वार्षिक उत्पादन क्षमता तैयार हो जाएंगी l यह क्षमता दो करोड़ टन परंपरागत यूरिया के बराबर होंगी l सरकार की इस पहल से खजाने को 40 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की वार्षिक बचत होंगी l सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2023 24 के बाद नैनो यूरिया के उत्पादन होने से यूरिया के आयात की आवश्यकता नहीं होंगी l इस मामले में भारत यूरिया के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो जायेगा l