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पूर्ण व्यक्तित्व ही जीवन को पूर्णता की ओर ले जाता है-डॉ.गदिया गाजियाबाद | The News Day

मेवाड़ में स्वामी विवेकानंद एवं गुरु गोविन्द सिंह जयंती मनाई गई

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गाजियाबाद(अमित कुमार चेचानी)। विद्यार्थी महापुरुषों की जयंतियों को पढ़ने की आदत डालें। उन्हें पढ़ने के बाद पता चलेगा कि कैसे महापुरुषों ने अपने व्यक्तित्व को पूर्ण बनाया। पूर्ण व्यक्तित्व ही जीवन को पूर्णता की ओर ले जाता है।’ वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने विवेकानंद सभागार में कोरानाकाल में पूरी एहतियात के साथ आयोजित गुरु गोविन्द सिंह एवं स्वामी विवेकानंद जयंती समारोह में ये विचार व्यक्त किए। इस मौके पर मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने स्वामी विवेकानंद को भारत के 65 करोड़ युवाओं का सशक्त प्रतिनिधि बताया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के मद्रास में ’मेरी क्रांतिकारी योजना’ विषय पर दिये गये भाषण को एक बार जरूर पढ़ें। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा व ज्ञान की कमी का ही परिणाम है कि भारत के युवा फिल्मी सितारों को अपना आदर्श बनाये बैठे हैं। जबकि महापुरुषों के चरित्र को अपनाकर ही भारत में विकास की संभावनाओं को जन्म दिया जा सकता है। डॉ. गदिया ने अपने सम्भाषण में दया, करूणा व गुरु की महिमा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्व के इतिहास में गुरु गोविन्द सिंह जैसा महान बलिदानी और स्वामी विवेकानंद जैसा संत पैदा नहीं हुआ। गुरु गोविन्द सिंह ने देश के लिए अपने पिता व बच्चों का बलिदान तक कर दिया। वह अन्याय के प्रति संघर्ष करते रहे मगर अपनी कौम की आन, बान और शान को नहीं छोड़ा। वह परिवार बलिदान हो जाने के बावजूद टूटा नहीं, बल्कि दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया। उनका संघर्ष किसी एक समुदाय विशेष के साथ नहीं बल्कि अत्याचारियों के खिलाफ था। डॉ. गदिया ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह समाज प्रवर्तक थे। सभी जातियों को एक सूत्र में पिरोकर उन्होंने खालसा पंथ बनाया। उनका मानना था कि हर परिवार का एक सदस्य सिक्ख जरूर बने। लेकिन उनकी यह परम्परा आगे तक न चल सकी। अगर उनकी सोच को हम लोग बल देते तो देश का नक्शा आज विश्व में अनूठा होता।

मेवाड़ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ. अलका अग्रवाल ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि अगर हम महापुरुषों से जीवन से प्रेरणा लेकर उनके संकल्पों को दस प्रतिशत भी अपना लें तो हमारा जीवन ही नहीं समूचा देश बौद्धिक एवं सांस्कृतिक रूप से स्वतंत्र तथा समृद्ध होगा। जीवन में सही निर्णय कैसे लेना है, इसे जानने के लिए विद्यार्थी गुरु गोविन्द सिंह और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को पढ़ें। समारोह में विद्यार्थियों ने गुरु गोविन्द सिंह एवं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नाटक प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। जिन बच्चों ने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किये, उनमें हंसिका, रितिका मिश्रा, पलक, गौरी, शिवांगी, आकाश, अपूर्वा, सौम्या बंसल, श्यामा तिवारी आदि थे। इस अवसर पर तमाम शिक्षण व गैर शिक्षण स्टाफ मौजूद था। समारोह का सफल संचालन रश्मि जैन एवं हरप्रीत कौर ने किया।

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