प्रतापगढ़ जिले के 45 अपराध मुक्त गांव के सरपंच पंच व गणमान्य नागरिकों का किया सम्मान, अपराध मुक्त समाज की ओर सकारात्मक पहल

प्रतापगढ़ जिले के 45 अपराध मुक्त गांव के सरपंच पंच व गणमान्य नागरिकों का किया सम्मान,
अपराध मुक्त समाज की ओर सकारात्मक पहल
जिला कलेक्ट्रर प्रतापगढ़ सौरभ स्वामी एवं जिला पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ डा.अमृता दुहन , अतिरिक्त जिला कलेक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाला मीणा द्वारा अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध शाखा राजस्थान के आदेश की पालना में अपराध एवं अपराधियों के सामुदायिक निराकरण के परिपेक्ष्य में यह समुचित प्रतिक होते है कि इस सकारात्मक मुहिम से अधिकाधिक ग्रामीणों को जोड़कर इन सहभागिता के रूप में जिला प्रतापगढ़ के वर्ष 2015 में 2022 तक 11 थानों के कुल 45 अपराध मुक्त गांव है जिसमें कोई अपराध नहीं हुआ के सरपंच , पंच एवं गणमान्य नागरिकों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभागार में सम्मानित किया ।
कलेक्ट्रर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा सम्बोधित कर अपने आसपास हो रहे अपराधों पर निगरानी रखकर रोकने के प्रयास करे , पुलिस एवं प्रशासन का सहयोग करनें , लघु वाद – विवाद के मामलों को आपसी समझाईश की जाकर गांव शांति व्यवस्था बनाने में सहयोग करें तथा समाज कल्याण योजनाओं में प्राथमिकता के बारे में प्रोत्साहित किया । थाना रठांजना सर्कल के गांव रजाल मे अंतिम प्रकरण वर्ष 1992 में गांव कनकपुर में अंतिम बार प्रकरण वर्ष 1987 मे तथा गांव आम्बाखेड़ा में लोग शांति प्रेम से रहते हैं यहा अंतिम प्रकरण 1992 में दर्ज हुआ है । थाना प्रतापगढ़ सर्कल के गांव नयाखेड़ी तो थाना प्रतापगढ़ से पश्चिम मे 07 कि.मी पर स्थित है इसकी जनसंख्या 550 लोग निवास करते है । यह लोग भवर सेमला बांध का जलस्थर कम होने पर खेती का कार्य करतें है । यहा अंतिम प्रकरण 2014 में दर्ज हुआ है । थाना हथुनिया सर्कल के धनेश्री गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2006 के बाद , रायपुरिया गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2013 के बाद अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नही है । थाना पिपलखुंट सर्कल के गांव रेला व खाखरी खेड़ा में यहा अंतिम प्रकरण 2008 में दर्ज हुआ है । इस गांव के लोग समझदार और पढ़े लिखे होने के कारण आपसी लघु वाद – विवाद के मामलों को गांव में पंच व सरपंच की आपस में मिलकर समझाईश द्वारा विवद को खत्म कर देतें है । थाना धरियावद सर्कल के आम्बारेठी , रेठी , जाम्बुमंगरा , दण्ड में आदिवासी बाहुल्य होने से यहा पर अधिकतर गावों में किसान है जो खेती बाड़ी का कार्य करतें है जो आपस में मिलजुल कर एवं शांति से रहतें है । इन गावों में अभीतक कोई प्रकरण दर्ज नहीं है । थाना धोलापानी सर्कल के भगवानपुरा गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2008 में , रूपपुरा गांव में यहा अंतिम प्रकरण 1996 में तथा नयाखेड़ गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2013 में दर्ज हुआ है । थाना अरनोद सर्कल के बगाखेडी गांव में यहा अंतिम प्रकरण 1975 में , भीमाखेडी गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2015 में ताराबावडी , रतनगढ एवं सिगंपुरिया माताजी गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2015 के बाद अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नही है । थाना पारसोला सर्कल के खारचा गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2009 के बाद , अमृतीया गांव में यहा अंतिम प्रकरण 1999 के बाद , काकरा फला गांव में यहा अंतिम प्रकरण 1986 के बाद , उल्टन गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2014 के बाद , कतिजो का खेडा गांव में यहा अंतिम प्रकरण 1950 के बाद , सुरपुर गांव में यहा अंतिम प्रकरण 1971 के बाद अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नही है । थाना धमोत्तर सर्कल के बावड़ीखेड़ा गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2007 के बाद अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं है । थाना देवगढ़ सर्कल के पाटीया , कुलमी , खानन गांव में यहा अंतिम प्रकरण 2004 के बाद अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नही है । जिला आदिवासी बाहुल्य होने से यहा पर अधिकतर गावों में किसान है जो खेती बाड़ी का कार्य करतें और आपस में मिलजुल कर एवं शांति सें रहतें है ।
कोई आपसी लघु वाद – विवाद के मामलों को गांव में पंच व सरपंच की आपस में मिलकर समझाईश द्वारा विवाद को खत्म कर देते है । उक्त कार्यक्रम का लाईव प्रसारण फेसबूक द्वारा किया गया । जिससे जिलें के और भी गांव एवं समाज में जागरूकता आयेगी गांव अपराध मुक्त होगें ।