प्रतापगढ़ शहर रहा बंद पर पशु हाट बाजार ने उड़ाई धज्जियां, नंद मार्ग स्थित टिनसेड में पिछले दरवाजे से चलता है बीड़ी सिगरेट चाय गेम का खेल

प्रतापगढ़ शहर रहा बंद पर पशु हाट बाजार ने उड़ाई धज्जियां, नंद मार्ग स्थित टिनसेड में पिछले दरवाजे से चलता है बीड़ी सिगरेट चाय गेम का खेल
प्रतापगढ़ । कोरोना का भय अभी खत्म नहीं हुआ कि इस बीच ओमीक्रोन नाम से एक और नये वायरस ने अपनी दस्तक से आम जनजीवन को एक बार फिर खौफ में ला कर खड़ा कर दिया है। जिले में संक्रमितों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने इससे निपटने और संक्रमण की कड़ी तौड़ने के लिए जहां रात्रिकालिन कफ्र्यु एवं शनिवार शाम से सोमवार प्रातः तक वीकेएण्ड कफ्र्यु लगा संक्रमण पर, पार पाने की कोशिश कर रहा है। शहर में संचालित उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों को 30 जनवरी तक के लिए बंद करवाये गए है। सरकार की एक ही मंशा है कि कैसे भी हो संक्रमण को फैलने से रोकना है। इसके चलते रविवार को सम्पूर्ण शहर में बंद का असर देखा गया। बंद को लेकर प्रशासन की गाड़िया दिन भर बाजार में दौड़ती नजर आई। साथ ही पालना नहीं करने वालों के साथ सख्ती भी बरती तथा मास्क नहीं लगाने पर चालान भी काटे गए। इस बीच हास्यास्पद स्थिति धरियावद रोड पर लगने वाले साप्ताहिक पशु हाट बाजार में देखने को मिली। जहां एक और शहर में पुलिस की गाड़िया बंद को लेकर सख्त रवैया अपना रही थीे। वही पशु हाट बाजार में पुलिस प्रशासन की मौजुदगी में पशु हाट बाजार में वीके एण्ड कफ्र्यु की जमकर धज्जियां भी उड़ी। हाट बाजार में सरकार की किसी भी गाइड लाइन की पालना नजर नहीं आई। हाट बाजार में आए पशुपालक और व्यापारियों के पास ना कोई माॅस्क था न ही सोश्यल डिस्टेंस की कोई पालना ही नजर नहीं आई। पशुहाट बाजार में खरीदारी करते हुए नजर आए।
समस्या सामधान के नाम पर प्रशासन को बना रहे बेवकुफ
शहर के नंद मार्ग पर स्थित अवैध टिनसेड लगे घर में संचालित दुकान पर अल सुबह से देर रात तक पिछले दरवाजे से चलता रहता है बीड़ी सिगरेट चाय और गेम खेलने का गोरखधंधा यहां पर दरवाजा बंद कर के लगाया जाता है बीड़ी सिगरेट का दम
ऐसा नहीं है कि पुलिस प्रशासन को इस की खबर नहीं है लेकिन नहीं होती है इन पर कोई कार्रवाई।
कोरोना संक्रमण रोकथाम एवं आमजन को इस त्रासदी से बचाने के लिए सरकार अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रही है। कक्षा 1 से आठवीं तक के विद्यालय बंद किए गए है। उच्च माध्यमिक स्तर पर भी अभिभावकों की सहमती से बच्चे अपनी समस्या समाधान के लिए विद्यालय जा सकते है। लेकिन इस छुट का लाभ उठाते हुए शहर के संचालित कुछ नामचिन विद्यालय रूटिन में विद्यालय संचालित कर रहे है। इन विद्यालयों में दसवीं और 12वीं कक्षाएं नियमित संचालित की जा रही है। इस तरह निजी विद्यालय अपने छोटे से फायदे के लिए बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड कर रहे है। प्रशासन और शिक्षा विभाग इस बात से अनभिज्ञ बना हुआ है। निजी विद्यालयों की न तो शिक्षा विभाग और न ही जिला प्रशासन कोई टोह ले रहा है। विभागीय अधिकारी औचक निरीक्षण में निजी विद्यालयों की कारगुजारी उजागर कर सकते है।