प्रधानमंत्री आवास का निर्माण राजकीय चरागाह भूमि पर, आरटीआई के तहत षड्यंत्र उजागर

प्रतापगढ़। आदिवासी बाहुल्य जिला दक्षिणी राजस्थान का 33 नवगठित जिला है जिसमें आदिवासी बाहुल्य टीएसपी क्षेत्र के ग्रामीण कम पढ़े लिखे हो करके केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में नियमानुसार जानकारियां नहीं रख पाते हैं। जिसका फायदा उठाकर ग्राम पंचायत सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी और स्थानीय राजनीतिक दलों के नेता सांठगांठ कर मिलीभगत पूर्वक सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का असंवैधानिक रूप से भ्रष्टाचार कर फायदा उठा लेते हैं। एवं सरकार के राजकोष को नुकसान पहुंचाते हैं ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ जिले की धमोतर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत रठाॅजना मैं सामने आया है जिसमें ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी अब्दुल हकीम मंसूरी ने तत्कालीन सरपंच बसंती लाल मीणा के साथ मिलकर के प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी श्याम लाल पिता प्रेमचंद मेघवाल के प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों को नहीं मानकर लाभार्थी को असंवैधानिक रूप से फायदा पहुंचाने का कार्य किया है। प्रधानमंत्री आवास का निर्माण राजकीय चरागाह भूमि पर करवा लिया है और योजना में प्रदत राशि का भुगतान ले लिया गया है। इस पूरे मामले का खुलासा आरटीआई के तहत आरटीआई एक्टिविस्ट एवं वार्ड पंच आनंद प्रकाश पंवार ने बताया कि पटवारी की रिपोर्ट पर सूचना के तहत सूचना प्राप्त कर मामला उजागर किया है। इस पूरे मामले को लेकर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह यादव और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामचंद्र बेरवा को ग्राम विकास अधिकारी अब्दुल हकीम मंसूरी एवं तत्कालीन सरपंच बसंती लाल मीणा के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने एवं मिलीभगत कर सरकारी धन को नुकसान पहुंचा कर चरागाह भूमि को खुर्दपुर करने के दोषी मानकर न्यायोचित कार्रवाई कराने की मांग की गई।