बाल नशावृति की रोकथाम के लिए सभी हितधारक संवदेनशीलता से करें कार्यवाही: पुलिस अधीक्षक

नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत युनिसेफ के सहयोग से बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
प्रतापगढ़। जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्त जिला प्रतापगढ़ ऋषिकेश मीणा के मार्गदर्शन में बाल नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कार्यालय पुलिस अधीक्षक स्थित सभागार में किया गया। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि जिले में स्कूलों / कॉलेजो के निकट नशीले पदार्थों की बिक्री करने वाले असामाजिक तत्वों पर कार्यवाही के लिए बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों द्वारा संवदेनशीलता से निगरानी करने की आवश्यकता है। उन्होने बाल दुर्व्यवहार के मामलों में आवश्यक रूप से प्रकरण दर्ज करने तथा संवेदनशीलता से कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों को नशीले पदार्थों का सेवन कराना तथा बेचने में उनका प्रयोग करना भी एक प्रकार का दुर्व्यवहार है जो हमारे समाज के लिए भयानक हो सकता है। उन्होने बालिका सुरक्षा और नशावृति की रोकथाम के लिए उपस्थित पुलिस अधिकारियों को थाना क्षेत्रों में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कार्यशाला में युनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार सिन्धु बिनुजीत द्वारा सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को युनिसेफ के सहयोग से उदयपुर रेंज पुलिस के द्वारा बाल संरक्षण हेतु संचालित किए जा रहे कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड अवेयरनेस एण्ड ट्रस्ट कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए किशोर न्याय अधिनियम अंतर्गत पूर्व में वितरित किए गए प्रपत्रों के उपयोग तथा नशावृति की रोकथाम के लिए अधिनियम की धारा 77 तथा 78 में प्रकरण दर्ज करने के लिए सुझाव उपलब्ध कराए। उन्होंने बाल नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत अधिकतम जागरूकता के लिए थाना स्तर पर चयनित पुलिस मित्रों, ग्राम रक्षकों तथा सुरक्षा सखियों के सहयोग के सुझाव दिए । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ ऋषिकेश मीणा द्वारा सभी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को जिला स्तर पर अभियान अंतर्गत पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देशों के बारे में जानकारी देते हुए सितम्बर माह तक प्रस्तावित गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराई तथा शपथ दिलाई गई।
अधिकारियों को चिकित्सकों द्वारा उपलब्ध कराया गया प्रशिक्षण : कार्यशाला मनोचिकित्सक डॉ रवि कुमार शर्मा द्वारा किशोरों एवं युवा वर्ग पर नशावृति के प्रभावों, नशावृत्ति से उदयपुर के प्रभावित व्यक्तियों की पहचान, उनके लक्षणों तथा उपचार के दौरान मनो सामाजिक सहयोग के विषय पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया। उन्होंने तम्बाकू उत्पादों, शराब सहित अन्य मन प्रभावी औषधियों के प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी। इसी प्रकार से प्रतापगढ़ जिले के चिकित्सक डॉ० विमल मीणा द्वारा भी पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों के प्रयोग से बालकों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराते हुए स्वयं के स्तर पर नशे को ना कहने की शुरूआत करने के लिए प्रेरित किया।
नशामुक्ति संबंधित पोस्टर का किया गया विमोचन : पुलिस अधीक्षक द्वारा युनिसेफ के सहयोग से संचालित कम्युनिटी पुलिससिंग कार्यक्रम अंतर्गत नशामुक्ति संबंधित जागरूकता के लिए विकसित किए गए पोस्ट का विमोचन किया गया। पोस्टर में नशा मुक्ति हेल्प लाईन नम्बर तथा बाल नशा मुक्त भारत की स्माथ हेतु क्यू आर कोड भी सम्मिलित किया गया है जिससे अधिकतम लोगो तक जागरूकता लाई जा सके। विकसित किए गए 2000 पोस्टर्स को बाल संरक्षण सलाहकार एवं अधिकारियों द्वारा थाना क्षेत्र के प्रतिष्ठानों तथा विद्यालयों के निकट चस्पा कर उपयोग मे लेने के लिए वितरित किया गया। कार्यशाला में जिले के सभी पुलिस थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ के लोकेन्द्र सिंह एवं कॉम्बेट कार्यक्रम के आकाश उपाध्याय व भरत खोखर उपस्थित रहे।