बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत नवाचार संस्थान ने निकाली रैली

Chautha Samay@ Kapasan News
कपासन
देश की भावी पीढ़ी को बचाना बचाना है, तो देश से बाल विवाह जेसी बुराई को खत्म करना होगा। उक्त विचार नवाचार संस्थान के सचिव एवं नेशनल यूथ अवार्डी अरुण कुमावत ने नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में ऐतिहासिक बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के शुभारंभ के अवसर पर जागरुकता अभियान के अवसर पर बालारडा में व्यक्त किये।
चित्तौड़गढ़ जिले की नवाचार संस्थान ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहयोग से जिलों में कार्यक्रम किए। बाल विवाह के खिलाफ जागरुकता अभियान के इस दीप जलाओ कार्यक्रम में नवाचार संस्थान द्वारा चित्तौड़गढ़ कार्यक्षेत्र की 16 ग्राम पंचायत के 112 गांवों से 1670 महिलाओं की सहभागिता रही और बाल विवाह को खत्म करने का संकल्प लिया।
बाल विवाह को लेकर ग्रासरूट लेबल पर एक दिन में इतने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम पहली बार आयोजित हुआ है। देश के कोने-कोने और दूरदराज में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, नौजवान, डॉक्टर, प्रोफेशनल्स, महिला नेत्री, वकील, शिक्षक, शिक्षाविद् और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी जम कर हिस्सा लिया। अभियान में नागरिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी बड़ी तादाद में हिस्सा लिया और कार्यक्रम भी आयोजित किए। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की खास बात यह थी कि सड़कों पर उतर कर नेतृत्व करने वाली महिलाओं में, ऐसी महिलाओं की संख्या ज्यादा थी जो कभी खुद बाल विवाह के दंश का शिकार हो चुकी थीं। कई जगह अभियान का नेतृत्व उन बेटियों ने किया, जिन्होंने समाज और परिवार से विद्रोह कर न केवल अपना बाल विवाह रुकवाया, बल्कि अपने जैसी कई अन्य लड़कियों को भी बाल विवाह के शिकार होने से बचाया। सभी ने एकसुर में बाल विवाह को रोकने के लिए कानूनों के सख्ती से पालन करवाने की बात कही।
अभियान में संस्थान के राधेश्याम पाराशर, कन्हैयालाल कीर, नरेश लोहार, सन्तोष चारण, सुशीला बुनकर, सोनू जाट, किरण बेरवा, चंदा माली, पायल, दुर्गा जाट, और मंजू जाट का सहयोग प्राप्त हुवा l