भगवान श्री हरि पहुंचे बारात लेकर माता तुलसी के द्वारा | The News Day
भगवान श्री हरि पहुँचे बारात लेकर तुलसी माता के द्वाराआकर्षण रहे घोड़े ऊँट व बैलगाड़ी
अपना जीरन
समीप गांव अरनिया बोराना से देवउठनी एकादशी पर श्री हरि विष्णु भगवान (शालिग्राम जी) के शुभ विवाह माता तुलसी से करवाने पर आज सभी ग्रामवासी भगवान श्री हरि की बारात रथ यात्रा, घोड़े, ऊंट, बेलगाड़ी को आकर्षण रूप से सजाकर लाया गया व दर्जनों ढोल बैंड बाजा डीजे के साथ व सभी बाराती नाचते गाते झूमते हुए भजन गाते हुए के ग्राम अरनिया बोराना से सुबह 11 बजे बारात लेकर रवाना हुए बारात जीरन होकर दोपहर ग्राम धोकलखेड़ा में पूर्व सरपंच स्व. गंगाराम जाट के घर पहुँची जहां पर उनके पुत्र रामनरायण टीपू जाट व सभी ग्रामवासियो ने भगवान शालिग्राम जी बारात का भावभीना स्वागत किया व बारात की मुकाम पर ठहराया व गांव में भगवान की बिन्दोली निकालकर विवाह की तोरण व अन्य रस्मे पूरी की व देर रात तक विवाह का आयोजन सम्पूर्ण होकर बारात को विदाई दी जाएगी व ग्रामवासियों द्वारा बाराती बन कर आये सभी महिला पुरुषों का भी स्वागत किया व गांव व सभी बाहर से आये हजारों मेहमानो को भोजन करवाया गया इस तुलसी माता विवाह में मुख्य रूप से बारात में घोड़े, ऊँट, व राजस्थानी बैलगाड़ी व भगवान सावलिया सेठ की झांकी रही।भगवान श्री हरि पहुँचे बारात लेकर तुलसी माता के द्वाराआकर्षण रहे घोड़े ऊँट व बैलगाड़ी
राजू जाट हरवार
समीप गांव अरनिया बोराना से देवउठनी एकादशी पर श्री हरि विष्णु भगवान (शालिग्राम जी) के शुभ विवाह माता तुलसी से करवाने पर आज सभी ग्रामवासी भगवान श्री हरि की बारात रथ यात्रा, घोड़े, ऊंट, बेलगाड़ी को आकर्षण रूप से सजाकर लाया गया व दर्जनों ढोल बैंड बाजा डीजे के साथ व सभी बाराती नाचते गाते झूमते हुए भजन गाते हुए के ग्राम अरनिया बोराना से सुबह 11 बजे बारात लेकर रवाना हुए बारात जीरन होकर दोपहर ग्राम धोकलखेड़ा में पूर्व सरपंच स्व. गंगाराम जाट के घर पहुँची जहां पर उनके पुत्र रामनरायण टीपू जाट व सभी ग्रामवासियो ने भगवान शालिग्राम जी बारात का भावभीना स्वागत किया व बारात की मुकाम पर ठहराया व गांव में भगवान की बिन्दोली निकालकर विवाह की तोरण व अन्य रस्मे पूरी की व देर रात तक विवाह का आयोजन सम्पूर्ण होकर बारात को विदाई दी जाएगी व ग्रामवासियों द्वारा बाराती बन कर आये सभी महिला पुरुषों का भी स्वागत किया व गांव व सभी बाहर से आये हजारों मेहमानो को भोजन करवाया गया इस तुलसी माता विवाह में मुख्य रूप से बारात में घोड़े, ऊँट, व राजस्थानी बैलगाड़ी व भगवान सावलिया सेठ की झांकी रही।