भारतीय ट्रायबल पार्टी ने जिला कलेक्टर को गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय से संबंधित बारह सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

भारतीय ट्रायबल पार्टी ने जिला कलेक्टर को गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय से संबंधित बारह सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
भारतीय ट्रायबल पार्टी की ओर से राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य प्रो . वियज मईड़ा के नेतृत्व में राज्यपाल राजस्थान के नाम जिला कलेक्टर बांसवाड़ा को गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय से संबंधित बारह सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन में गोविन्द गुरु जनजाति विश्वविद्यालय जनजाति क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया । विश्वविद्यालय में कुलपति से लेकर सहायक कर्मचारी तक के पद जनजाति वर्ग से ही भरे जाये या अनुसुचित क्षेत्र के लिए लागु आरक्षण निति के तहत भर्ती एवं प्रवेश नियम लागु किये जाये तभी विश्वविद्यालय अपने उद्देश्यों में सफल हो पायेगा । गोविन्द गुरू जनजाति विश्वविद्यालय बांसवाड़ा में क्षेत्र के विद्यार्थीयों की मांग की आवश्यकता ओर रूची को ध्यान में रखते हुए विज्ञान एवं कला संकाय में युजी , पीजी विषय खोले जाये ताकि यहां के अधिकतम विद्यार्थीयों को उच्च शिक्षा का लाभ मिल सके । गोविन्द गुरू जनजाति विश्वविद्यालय में जबरन यहां पर वेद विद्यापीठ खोला जा रहा हैं यह क्षेत्र जनजाति बाहुल्य हैं यहां पर वेद पुराण का महत्व नहीं हैं जो कि यहां के बहुसंख्यक जनजाति वर्ग को अपने मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित कर रहा हैं यहा पर जनजाति समाज आदिकाल से प्रकृति का पुजक रह हैं ऐसे पाठ्यक्रम तत्काल बंद किया जावे। गोविन्द गुरू जनजाति विश्वविद्यालय द्वारा शोध पाठ्यक्रम पीएचडी प्रवेश हेतु जारी नियमों में संशोधन कर अनुसुचित क्षेत्र में लागू आरक्षण निति के तहत् प्रवेश दिया जाये ताकि यहां के क्षेत्र शोधार्थियों को इसका अधिकतम लाभ मिले । बांसवाड़ा में संचालित वेद विद्यापिठ से इस क्षेत्र के बहुसंख्य जनजाति के विद्यार्थीयों का कोई लेना देना नहीं हैं और न ही उनकी कोई रूची हैं ऐसी स्थिति में वैदिक संस्कृति से संबंधित पाठ्यक्रम के स्थान पर जनजाति भाषा , साहित्य , और संस्कृति के पाठ्यक्रम आरम्भ किये जावे ओर वेद विद्यापिठ से संबंधित पाठ्यक्रम को बंद किया जावे अन्यथा वैदिक रिती नीति , कर्मकाण्ड , वर्ण व्यवस्था का बोल बाला होने से यहां के जनजाति वर्ग पर सामाजिक अत्याचार एवं धार्मिक शोषण होने की पूर्ण संभावना रहेगी । यहां अनुसुचित जाति – जनजाति क्षेत्र के समस्त महाविद्यालयों में विद्यार्थीयों के प्रवेश में TSP आरक्षण निति लागु हो । अनुसुचित जनजाति क्षेत्र में जनजाति वर्ग को उनके जनसंख्या के अनुपात में भर्ती , पदोन्नती एवं प्रवेश में आरक्षण दिया जावे ताकि इस वर्ग का उत्थान हो सके वर्तमान आरक्षण की विसंगतीयों को यहां का बहुसंख्यक जनजाति वर्ग अपने मूलभूत अधिकारों से वंचित हो रहा हैं ओर उसका लाभ गैर जनजाति वर्ग उठा रहा हैं । राज्य सेवा की समस्त भर्तियों में अनुसुचित क्षेत्र के जनजाति वर्ग को अनुसुचित के कुल राज्य स्तरिय आरक्षण में से 5.5 % या जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जावे जिससे इस क्षेत्र का जनजाति वर्ग राज्य स्तरीय सेवा में अपना प्रतिनिधीत्व कर सके । टीएसपी क्षेत्र से 25 से अधिक एसटी / एससी के प्रोफेसर्स हैं जिसमें काफी सीनियर्स भी हैं इसके बावजूद जनजाति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अर्न्तराष्ट्रीय कान्फ्रेन्स हेतु विभिन्न कमेटीयों में कही पर भी स्थान नही दिया जाता है एसटी / एससी अजाज के साथ यह अन्याय है । विश्वविद्यालय प्रबंध बोर्ड BOM कमेटी में एक भी एसटी / एससी के प्रोफेसर्स को नही लिया विश्वविद्यालय की भर्तीयों में महत्वपूर्ण निर्णय BOM द्वारा ही पारित किया जाता हैं । जिसमे एसटी / एससी का प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए । गोवन्दि गुरू विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित जनजाति क्षेत्र के विभिन्न महाविद्यालयों में प्रोफेसरों के पद रिक्त हैं उन्हें तत्काल भरा जावे क्योंकि जनजाति क्षेत्र के विद्यार्थीयों के साथ शिक्षा के नाम पर सरकारों द्वारा खिलवाड किया जा रहा हैं । जनजाति क्षेत्र से ग्रेजुएशन पोस्ट ग्रेजुएशन , डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थीयों को छात्रवर्ती समय पर नहीं मिल रही हैं सत्र 2020-21 में अध्ययनरत छात्र / छात्राओं को छात्रवर्ती सत्र 2021-22 तक नहीं मिल पाई हैं जिससे उनका शिक्षण आर्थिक दृष्टि से प्रभावित हो रहा हैं सत्र पर्यन्त मिलने की व्यवस्था की जावे । ज्ञापन देने मे उपस्थित जिला प्रभावी एल . सी . मईडा घाटोल अध्यक्ष धिरजमा निनामा , मोहम्मद साईद , राजेन्द्र, हरीश गोहेन्द्र , महेश आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।