भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने 2016 की अधिसूचना निरस्त कर क्षेत्र में आर्टिकल 244(1) के अनुरूप नई अधिसूचना जारी कर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए सौंपा ज्ञापन

भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने 2016 की अधिसूचना निरस्त कर क्षेत्र में आर्टिकल 244(1) के अनुरूप नई अधिसूचना जारी कर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए सौंपा ज्ञापन
प्रतापगढ़।2016 की अधिसूचना निरस्त कर अनुसूचित क्षेत्र में आर्टिकल 244(1) की मूल भावना के अनुरूप नई अधिसूचना जारी कर आरक्षण व्यवस्था लागू करते हुए शिक्षक भर्ती पदों को बढ़ाने एवं शासन उपसचिव (ग्रुप-2) विभाग का आदेश 2018 के तहत गैर अनुसूचित क्षेत्र (Non-TSP ) में पदस्थापित कर्मचारियों को अनुसूचित क्षेत्र (TSP) से बाहर उनके गृह क्षेत्र में स्थानांतरण कराने के संबन्ध में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन। राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान अधीनस्थ न्याय बोर्ड द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा, राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा अधीनस्थ सेवाओं के लिए 2013,2016,2818 मैं शेड्यूल एरिया (अनुसूचित क्षेत्र) को अलग यूनिट मानकर पद दिए गए और इन पदों का जो वर्गीकरण किया गया है। उनमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के साथ अन्याय पूर्ण नीति अपनाई गई है इसलिए ज्ञापन के द्वारा निम्न मांगों को लेकर अवगत कराया कि १. अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 75% अनुसूचित जनजाति एसटी के लोग निवासरत हैं बाकी लगभग 25% में सामान्य वर्ग, एससी वर्ग व अन्य वर्ग के लोग निवास करते हैं। अनुसूचित क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था के लिए म राज्यपाल द्वारा 2013 की अधिसूचना एवं संशोधित अधिसूचना 2016 में जारी की गई जिसका उद्देश्य था। कि. आदिवासी शिक्षित बेरोजगार युवाओं को फायदा मिले परंतु आरएएस एवं अन्य अनुसूचित क्षेत्र भर्ती 2013.2016 2018 में जिस तरह 2016 की अधिसूचना को आधार मानकर भर्ती की गई है उस हिसाब से तो राज्यपाल की अधिसूचना 2013 संशोधित
एवं अधिसूचना 2016 आदिवासी अनुसूचित क्षेत्र के युवाओं के लिए एक काला कानून साबित हो रहा है 2013 से इस अधिसूचना की आड़ में आदिवासी शिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
२. यह की राजस्थान अधीनस्थ न्याय बोर्ड द्वारा शिक्षक भर्ती आदेश क्रमांक 2022/1183 दिनांक 14.12.2022 की जारी विज्ञप्ति में जिसमे टीएसपी क्षेत्र के लेवल प्रथम में 21000 मेसे मात्र 1808 पद एवं लेवल द्वितीय में 27000 मेसे मात्र 4210 पद सृजित किए जो असंवैधानिक होकर टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थियों के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है।
3. यह की शासन उप सचिव शिक्षा (ग्रुप-2) विभाग के पत्रांक 10(28) शिक्षा-2 /2014 दिनांक 2.8.2008 एवं निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर के पत्रांक शिविरा / शिक्षक संस्थापन / एफ-6/राजयादेश स्थानांतरण 2018 /दिनांक 13/8/2018 के क्रम में अनुसूचित क्षेत्र में कार्यरत नॉन टीएसपी के अध्यापकों व अन्य कर्मचारियों को उनके गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने की कार्रवाई की गई थी जो आवेदन तो स्वीकार कर लिए लेकिन आज तक नॉन टीएसपी के अध्यापकों का टीएसपी क्षेत्र से स्थानांतरण नहीं किया गया।
४. यह की इस संबंध में आयुक्त जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर के परिपत्र क्रमांक / 33 (81) (4) (1) विविध/ सीटीएडी/2018/19494-502 दिनांक 5/6/2008 एवं शासन सचिव कार्मिक विभाग राजस्थान सरकार के परिपत्र क्रमांक- 13 कार्मिकक-2/पार्ट-3 दिनांक 19/7/2018 के आदेशानुसार अनुसूचित क्षेत्र में कार्यरत नॉन टीएसपी अध्यापकों व कर्मचारियों का स्थानांतरण के उचित आदेश अपेक्षित हैं। यह है की उपरोक्तानुसार अनुसूचित क्षेत्र के बेरोजगार आदिवासी युवाओं के संवैधानिक हितों की रक्षा करते हुए निम्न मांगों को तुरंत प्रभाव से अमल में लाने के लिए मांग करते हैं कि:-
1- राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र (TSP) में प्रत्येक भर्ती (कंप्यूटर अनुदेशक शारीरिक शिक्षक। येड III ग्रेड (L-I.L-II) नर्सिग भर्ती) आदि में 2016 की जारी अधिसूचना की बिल्कुल पालना नहीं हो रही है। प्रत्येक भर्ती में अधिकतम भ्रष्टाचार के माध्यम से बैकडोर इंट्री हो रही है। जिसमें राजस्थान के अनुसूचित क्षेत्र ( उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही) के विद्यार्थियों का भविष्य बिल्कुल अंधकारमय होता जा रहा है। इसलिए 2016 की अधिसूचना तुरंत रद्द की जाए. गैर कर्मचारियों (नॉन -tsp) को अनुसूचित क्षेत्र(TSP) से बाहर किया जाए, आर्टिकल 244(1) की. मूल भावना के अनुरूप आरक्षण व्यवस्था को करते लागू हुए अनुसूचित क्षेत्र के 2016 की अधिसूचना तुरंत निरस्त किया जाए।