मिडिया पहुंचा प्रशासन गांव के संग अभियान में महिलाओं के पद का हो रहा दुरूपयोग, शिविर में ग्रामीणों ने लगाया आरोप

मिडिया पहुंचा प्रशासन गांव के संग अभियान में महिलाओं के पद का हो रहा दुरूपयोग, शिविर में ग्रामीणों ने लगाया आरोप
प्रतापगढ़ प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान में आमजन ने मिडिया के सामने लगाएं कई आरोप।
हमारे देश में महिला सशक्तिकरण को लेकर के काफी कार्यक्रम एवं महिला उत्थान के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर आज भी महिलाएं पुरुषों से पिछे ही है।
प्रतापगढ़ जिले में पंचायत से लेकर जिला स्तर तक महिला शक्ति का पद महिलाओं को सिर्फ दिखावे के अलावा कुछ नहीं दिखाई पड़ता है महिलाओं के पद एवं अधिकार को पुरुष ही सम्भाल रहे हैं। सरकारी हो या फिर गैर सरकारी कार्य इनको भी पुरुष ही सम्भाल रहे हैं इनके इन कार्यों में प्रशासन भी पुरा सहयोग करता नजर आता है। जिससे आमजन खुद को बेबस और लाचार ठगा सा महसूस करता है।
मामला प्रतापगढ़ जिले के रठांजना पंचायत समिति में देखने को मिला है जहां पर महिला सरपंच एवं उपसरपंच पद का कार्य सरपंच महिला के पति द्वारा संपादित किया जा रहा है कार्य मौखिक तौर पर हो या लिखित रूप से दोनों कार्य के लिए सरपंच पति ही आगे रहेंगे जिसको लेकर ग्रामीणों का रोष प्रशासन गांव के संग रठांजना में देखने को मिला जहां ग्रामीणों ने सरपंच पतियों पर लगाएं कई आरोप लगाएं जहां सरपंच पति द्वारा वार्ड पंच को दूरभाष पर अपशब्दों का प्रयोग कर डराया धमकाया गया जिसको लेकर पुलिस थाना रठांजना में मामला भी दर्ज करवाया गया था जिसकी सुनवाई नहीं होने पर वार्ड पंच आनंद प्रकाश पंवार ने शिविर में उक्त मामले को उठाया साथ ही सरपंच पति द्वारा धमकाने एवं अपशब्दों का उपयोग करने और फर्जी रूप से सरपंच के हस्ताक्षर कर पंचायत में महिला सरपंच को नही बिठाकर महिला सरपंच पतियों द्वारा ग्राम पंचायत को संचालित करवाना आदि कई मामले सामने आए शिविर में प्रशासनिक अधिकारियों से इस मामले में मीडिया कर्मीयों द्वारा जब पूछा गया तो अधिकारी बगले झांकते हुए नजर आए यही नहीं शिविरों के दौरान महिला सरपंच , प्रधान पंचायत समिति सदस्य आदि प्रतिनिधि के रूप में भी महिलाओं के स्थान पर पुरुष ही देखने को मिले और जवाब भी सरपंच पति द्वारा दिया गया और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी यह जानकारी नहीं ली की कितनी महिलाएं सरपंच प्रधान शिविर में उपस्थित हैं अधिकांश ग्रामीणों ने शिविरों में पहली बार अपने जनप्रतिनिधि महिलाओं को देखा तो कईयों ने सिर्फ चुनाव में देखने की बात कही गई ग्राम पंचायतों में भी महिला सरपंच पतियों द्वारा कार्य संपादन किया जाना बताया गया। क्या इस तरह होगा महिला सशक्तिकरण ।