मुंह से निवाला और तन से कपड़ा छीन रही है भाजपा की केंद्र सरकार जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रकाश राका जीएसटी को पांच से बारह प्रतिशत करना व्यापारियों के साथ आम जनता के लिए बड़ा दुखदाई फैसला | The News Day


*मुहं से निवाला तो तन से कपड़ा छीन रही हे भाजपा की केन्द्र सरकार जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रकाश राका*
*Gst को पांच से बारह प्रतिशत करना व्यापारियों के साथ ही आम जनता के लिये बड़ा दुखदायी फैसला*
सिंगोली-हालं ही मे पंचायतीराज चुनाव को लेकर सिंगोली क्षैत्र के दौरे पर आए कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष प्रकाश जैन रांका ने Gst बढ़ाने की बात को लेकर मोदी सरकार को कोसते हुए कहा की वर्तमान हालात को देखते हुए केन्द्र सरकार को आम जरूरतों की चिजे जैसे फुटवियर और टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स के लिए जीएसटी की दर को नही बढ़ाना चाहिए दिया। सरकार अपनी मनमानी ओर तानाशाही नीतियों से लगातार आम जनता की कमर तोड़ते हुए जो एकतरफा फैसला ले रही है यह बड़ा दुखद है । नए साल में जीएसटी बढ़ाकर मंहगाई से जूझ रही आम जनता के घावों पर मोदी सरकार ने नमक लगाने का कार्य किया है।
अगर समय रहते जीएसटी की नई नीति में बदलाव नहीं हुआ तो 1 जनवरी, 2022 से ई-कॉमर्स सर्विस ऑपरेटर्स पर ट्रांसपोर्ट और रेस्टोरेंट क्षेत्र में दी जाने वाली सर्विसेज पर टैक्स देनदारी भी शामिल होगी इसके अलावा फुटवियर और टेक्सटाइल सेक्टर में शुल्क ढांचे में बदलाव भी एक जनवरी 2022 से लागू होगा जिसके तहत सभी प्रकार के फुटवियर पर 12% जीएसटी लगेगा जबकि रेडीमेड कपड़ों समेत सभी टेक्साइटल प्रोडक्ट्स पर 12% जीएसटी लगेगा।
इस प्रकार आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले होजरी आइटम इनरवियर, मोजे, सूती साड़ी, कॉटन के शर्ट-पैंट,धोती-कुर्ता, स्वेटर समेत तमाम कपड़ों के रेट बढ़ने वाले हैं, ये वो कपड़े हैं जो 1000 रुपये से कम कीमत के हैं,जीएसटी बढ़ने से इनकी कीमतों में अब 25 फीसदी तक बढ़ोतरी होगी जो आमजन की कमर तोड़कर रख देगी।
कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष रांका ने आगे बताया कि एक दौर था,जब भारत का बना कपड़ा पूरी दुनिया पहनती थी और आज बांग्लादेश जैसा छोटा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। चीन तो पहले ही प्रमुख प्रतियोगी रहा है। अब जीएसटी बढ़ने से हमारा कपड़ा और भी महंगा हो जाएगा ।
रांका ने कहा की भारत मे मध्यम वर्ग अधिक है जिससे गारमेंट इंडस्ट्री के 80 से 85 फीसदी गारमेंट प्रोडेक्ट्स की 1000 रुपये से कम में बिक्री होती है,। इससे साफ जाहिर होता की टेक्सटाइल इडंस्ट्री के साथ आम लोग भी प्रभावित होंगे । रेट बढ़ने से बड़ी संख्या में लोग जीएसटी कंप्लायंस से बाहर होने की भी कोशिश करेंगे।
पूरे देश मे इस नीति का विरोध हो रहा हैं पर सरकार के कानों पर जु तक नही रेंग रही ,आमजन ओर उनसे जुड़े फेसलो पर सरकार लगातार तानाशाही रवैया अपना रही हैं । किसी भी इंडस्ट्री में बड़ा बोझ सीधा जनता पर आता हैं । गारमेंट्स इंडस्ट्री का यह जीएसटी बोझ कस्टमर्स पर डालना गारमेंट्स इंडस्ट्री की मजबूरी होगी ।
कोविड की लंबी मार झेल रहे हमारे देश मे अभी GST बढ़ोतरी के लिए सही समय नहीं है। सरकार आमजन की समस्याओं पर क्यों ध्यान नहीं दे रही हैं । सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे आमजनता का भला हो ।