मुख्यमंत्री के नाम भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने राजनीतिक षड्यंत्र से आदिवासियों पर दर्ज केस समाप्त करने को सौंपा ज्ञापन

राजनितिक षड्यंत्र से आदिवासियों पर दर्ज केस वापसी के लिए भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
प्रतापगढ़। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक मदन कटारा ने बताया कि दक्षिणी राजस्थान में आदिवासियों की सामाजिक -सांस्कृतिक -संवैधानिक जागृति से पहले से स्थापित राजनितिक लीडरशिप अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए षड्यंत्र पूर्वक सामाजिक कार्यकर्ता साथियों पर केस दर्ज करवाए गए थे, जिनके लिए कई बार ज्ञापन दिए गए हैं। डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन चल रहा हैं, मगर अभी तक सरकार ने आदिवासी हित में कार्य कर केस वापसी नही की हैं, सरकार से अनुरोध है किया है कि हमारे निम्न केस वापस हो
(1) काकरी डूंगरी सभी केस वापस हो
(2) राणा पूंजा भील मूर्ति सदर थाना चौराहा केस वापस हो
(3) शिक्षक भंवरलाल परमार पर कांग्रेसी विधायक गणेश घोघरा के इशारे पर जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य जनप्रतिनिधि महिलाओं द्वारा दर्ज केस वापस हो जिसमें (4) F.I.R. संख्या- 05/2020 दर्ज स्टेट हाईवे साबला केस वापस हो
(5) अप्रैल 2,2018 आसपुर थाने में दर्ज केस वापस हो
(6) सालमगढ़ थाना प्रतापगढ घटना 18 जून 2018 में दर्ज केस वापस हो।
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने ज्ञापन देते हुए सरकार को आगाह किया कि उक्त मांगे नहीं मानी गई तो कांग्रेस सरकार को दिया गया समर्थन भी वापस लिया जाएगा तथा पूरी तरह से पुरजोर विरोध किया जाएगा जरूरत के आधार पर धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन किए जाएंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
प्रतापगढ़ जिले के सभी ब्लॉकों में एवं जिला मुख्यालय पर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन देने में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा, युवा मोर्चा, विद्यार्थी मोर्चा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।