मेवाड़ विश्वविद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

विद्यार्थियों का सम्पूर्ण विकास विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य है- चेयरपर्सन डाॅ. अशोक कुमार गदिया
विद्यार्थी अपने जीवन में मेहनत, लगन और ईमानदारी के गुणों के बल पर जीवन सफल बना सकता है- वाईस चान्सलर प्रो. (डाॅ.) के.एस. राणा
मेवाड़ विश्वविद्यालय में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
चित्तौड़गढ़/गंगरार(अमित कुमार चेचानी)। नये सत्र में दाखिल हुऐ विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने, उपलब्ध सुविधाओं, सेवाओं नियमों एवं प्रावधानों से अवगत करवाने के साथ-साथ षिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सेतु-बन्धन के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम की विशिष्ट महत्ता है।
उक्त कार्यक्रम के द्वारा विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से अवगत करवाना, विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के वातावरण में समाहित करना एवं समस्त संकाय सदस्यों को नये प्रविष्टि विद्यार्थियों के साथ जोड़ना आदि मुख्य उद्देश्य होते है।
कई विद्यार्थियों के लिये यह पहला अवसर होता है जब वो अपने परिवार से दूर एक नये स्थान पर अपने आप को पाते है, ऐसे में उक्त कार्यक्रम के द्वारा उन्हे नये परिप्रेक्ष्य में जोड़ने का प्रयास किया जाता है, जिससे वह न केवल अपने आस-पास के वातावरण में शीघ्र ढल पाये वरन् अपने सहपाठियों एवं शिक्षकों से भी परिचित हो सके।
इसी क्रम में मेवाड़ विश्वविद्यालय में नवप्रवेशित प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिये दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
दो दिवसीय कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ प्रारम्भ हुआ। सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एवं प्लेसमेन्ट विभाग के डायरेक्टर श्री हरिश गुरनानी ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुऐ नवप्रवेशित विद्यार्थियों को प्रवेश पश्चात् की जाने वाली प्रक्रियाओं एवं विश्वविद्यालय में संचालित संकायों, सुविधाओं, प्रावधानों, कौशल विकास, अनुशासन, सांस्कृतिक गतिविधियों एवं संचालित विभिन्न क्लबों आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
तत्पश्चात् विद्यार्थियों को औद्योगिक परिवेश की जानकारी साझा करवाने हेतु विषिष्ट अतिथि के रूप में आमन्त्रित फ्लेक्सीटफ इन्टरनेशनल लिमिटेड, इन्दौर के जनरल मैनेजर, श्री प्रफुल्ल धार ने एक स्नातक शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी से औद्योगिक ईकाइयों में नौकरी के लिये अपेक्षित अभिवृत्ति, प्रतिब़द्धता, अनुशासन एवं ग्रहणशीलता के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से बिन्दुवार समझाया।
इसके बाद विश्वविद्यालय के बीटेक (इलेक्ट्राॅनिक्स एवं कम्यूनिकेशन) के पूर्व विद्यार्थी श्री अनिमेश जैन ने एक विद्यार्थी के तौर पर विश्वविद्यालय में अपने अनुभवों को साझा किया एवं नव प्रवेशि विद्यार्थियों को क्या करना चाहिऐ और क्या क्या नहीं करना चाहिए इसके सम्बन्ध में अपने सुझाव साझा किये।
आॅनलाईन माध्यम से भी कई पूर्व विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुऐ अनुभवों एवं विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त सुविधाओं एवं रोजगार के अवसरों के फलस्वरूप हुई उनकी व्यावसायिक विकास से सम्बन्धित अनुभवों को साझा किया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन विश्वविद्यालय के उप कुलपति श्री आनन्द वर्धन शुक्ला ने अपने सम्बोधन में विद्यार्थी के स्व-नियन्त्रण के साथ एक नई यात्रा प्रारम्भ करने के विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होने बताया कि विद्यार्थी को किस प्रकार अपनेआप को स्व-नियन्त्रित करके अपना जीवन अनुशासित, समयनिष्ठ और सुसंस्कारित बनाना चाहिये। इसके पश्चात् केरियर प्लानिंग विभाग के डायरेक्टर डाॅ. लोकेश शर्मा ने विद्यार्थियों को आज के इस प्रतिस्पर्धी युग के लिये सफलता के मन्त्र बताये।
विश्वविद्यालय के वाईस चान्सलर श्री प्रो. (डाॅ.) के.एस. राणा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुऐ नवप्रवेषित विद्यार्थियों को सन्देश दिया कि विद्यार्थी जीवन में मेहनत, लगन और ईमानदारी का बड़ा महत्व है एवं इन्ही गुणों के बल पर अपने आप को विकसित कर अपना जीवन सफल बना सकता है।
अन्त में कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने अपना उद्बोधन दिया जिसमें उन्होने विद्यार्थियों को ईमानदारी, पूर्ण निष्ठा एवं कर्तव्य परायणता के साथ अपनी शिक्षा को पूरा करने एवं स्वयं के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिये अपनी रूचियों का विस्तार, कौशल विकास, सम-सामयिक विषयों पर जानकारी आदि मुद्दों पर जोर देने का आह्वान किया। उन्होने बताया कि विद्यार्थियों का सम्पूर्ण विकास विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी उच्चाधिकारियों एवं समस्त विभागाध्यक्षों सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती वन्दना चुण्डावत ने किया।