मौसेरे भाई ने ही हरे थे ‘मनोज’ के प्राण, दिवालिया हो गया तो फिरौती के उद्देश्य से कर लिया अपहरण पकड़ में आने की आशंका पर फंदे पर लटका छीन ली सांसे |


बाद में लाश को अपने ही कुएं में धकेल कर डाल दिए पत्थर
लाश मिलने के बाद से ही शक के दायरे में था आरोपी कनेरा पुलिस ने आखिरकार प्रल्हाद धाकड़ के अंधे कत्ल से पर्दा उठा दिया। हत्यारा मृतक का मौसेरा भाई निकला। कुएं से लाश मिलने के बाद से ही वह पुलिस के शक के दायरे में था। पुलिस ने उसे जंगल से दबोच लिया। पूछताछ में उसने शेयर मार्केट में उसका पैसा डूब जाने और दिवालिया हो जाने के बाद प्रहलाद का अपहरण कर फिरौती वसूलने की प्लानिंग और अपहरण के बाद उसका नाम ट्रेस आउट होने के डर से प्रहलाद की फंदे पर लटका कर हत्या करने का गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस रविवार को उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया। उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर को सरसी गांव निवासी लक्ष्मीनारायण पिता मगनीराम धाकड़ ने अपने भतीजे प्रहलाद उर्फ मनोज धाकड़ के 15 दिसंबर को गुम होने की कनेरा पुलिस थाने को रिपोर्ट दी। पतेरसी के दौरान 22 दिसंबर को गॉव के शिवलाल पिता मथुरालाल धाकड के कुंए में एक पोलीथीन एवं कपडे के बोरे में पेकिंग लाश मिली। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से पुलिस लाश को बाहर निकाल कर मेडीकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया और शव परिजनों को सुपुर्द कर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी ।
*पुलिस टीम का गठन*
घटना की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक गोयल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) हिम्मत सिंह देवल व पुलिस उपअधीक्षक निम्बाहेड़ा द्वारा घटना का शीघ्र खुलासा करने के निर्देश दिये गये। थानाधिकारी गोपाल नाथ के नेतृत्व में अलग-अलग टीमे गठित कर घटना से जुडे़ हर एक पहलू पर गहन छानबिन की गई। घटना के दिन से ही शिवलाल पिता मथुरालाल धाकड़ निवासी सरसी अपने घर से गायब था जिसे लेकर वह पुलिस के शक के दायरे में था । शंका होने से तकनीकी जांच के साथ ग्रामीणों की सहायता से पुलिस शिवलाल को राजस्थान मध्यप्रदेश के जंगलों से दबोचने में कामयाब रही।
*तरीका वारदात*
आरोपी से अब तक की पुछताछ में सामने आया कि शेयर मार्केट में अधिक लोस होने से कर्जा हो गया थाl पर्सनल लोन, उधारी अधिक होने से तकाजा करने वालों से तंग आकर घटना से करीब 10-12 दिन प्रहलाद का अपहरण कर तकनीकी तरीके से विदेशी नंबरों से उसके परिजनों को कॉल करके फिरोती वसूलने की प्लानिंग तैयार की। लेकिन अपहरण के पश्चात उसे किसी सुरक्षित जगह पर छिपाना मुश्किल हो गया वहीं फिरौती की राशि मिलने के बाद प्रहलाद द्वारा उसका नाम उजागर करने की आशंका थी। खोलने की भी आशंका थी, इसलिए शिवलाल ने प्रहलाद का अपहरण करने के पश्चात उसकी हत्या करने का प्लान बनाया।
*व्हाट्सएप कॉल का सहारा*
प्लान के अनुसार अपने ही मौसी के लडके प्रहलाद को वाट्स्अप कॉल कर कॅुए पर बुलाया और विश्वास में लेने के लिए उससे इधर-उधर की बातें कर उलझाकर रखा। उसने अपने आपको मुसीबत में बताकर प्रहलाद से मदद मांगी लेकिन जब कोई फायदा मिलता नहीं दिखा तो मौका पाकर नीम के पेड के पहले से बनाकर रखा रस्सी का फंदा प्रहलाद के गले में डाल दिया तथा झटके से खींच लिया। रस्सी का एक सिरा नीम के पेड़ के पहले से ही बंधा हुआ था और दूसरा आरोपी ने खींच लिया, इसलिए मृतक ज्यादा संघर्ष नहीं कर पाया और कुछ देर में दम तोड़ दिया। अपने स्वयं के घरवालों को भी शक नहीं हो इसलिए अपने घर पर पहुंचा और खाना खाकर सो गया। इसके 1 घंटे बाद स्कूटी लेकर खेत पर गया। खेत पर पहले से पोलीथीन के बैग लाकर रख रखे थे, जिनमें लाश को पेक कर रस्सी से बांध दिया और स्कूटी के आगे रख कर शव को कुॅए पर ले गया । मृतक के पैर व सिर को नीचे जमीन की रगड़ से बचाने के लिए डेडबॉडी के नीचे लकड़ी का एक बड़ा डण्डा रख दिया और स्कूटी को कुॅए पर लेकर गया। कुॅए पर जाने के बाद डेडबॉडी को पानी में डुबाने के लिए बड़े-बड़े पत्थर भी भी बांध दिये व डेडबॉडी को कुॅए में डाल दिया।
योजना के मुताबिक प्रहलाद की गुमशुदगी के 2-3 दिन बाद परिजनों को आरोपी द्वारा फिरोती के लिए मैसेज भेजा जाना था लेकिन जैसे ही गुमशुदगी रिपोर्ट थाने पहुंची तथा ग्रामीणों की सक्रियता से कुॅए बावडी में केमरे डाल कर गुमशुदा की तलाश के कारण आरोपी घबरा गया और फिरोती का मैसेज नहीं भेजा। 18 दिसम्बर को जब ग्रामीणों द्वारा दूसरे कुॅओं में कैमरे डाल कर तलाश की जा रही थी, उस दिन भी आरोपी गायब हो गया था परंतु शाम तक जब उसके कुए की तलाशी नहीं ली गई तो घर लौट आया। पुलिस अधीक्षक के अनुसार 22 दिसम्बर को जब उसके कुएं से लाश मिली तो वह भाग निकला। उसके बाद से ही वह पुलिस के शक के दायरे में था। प्रारंभिक पूछताछ में उसने अकेले ही घटनाक्रम को अंजाम देना बताया है लेकिन उक्त घटना में और भी लोगों के शामिल होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।