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रतनगढ़ में हुआ ऐतिहासिक अन्नकूट महोत्सव का आयोजन दीपावली के दूसरे दिन से आंवला नवमी तक मंदिरों व देव स्थलों पर होता है आयोजन अन्नकूट वाले दिन नहीं जलता हिंदू घरों में चूल्हा | The News Day

*रतनगढ़ में हुआ ऐतिहासिक अन्नकूट महोत्सव का समापन*

*दीपावली के दूसरे दिन से आंवला नवमी तक मंदिरों व देव स्थलों पर होता है आयोजन*

*अन्नकूट वाले दिन नहीं जलता हिंदू घरो मे चूल्हा*

रतनगढ़:- वैसे तो पूरे देश प्रदेश में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव का आयोजन होता है जिसमें हिंदू समाज के धर्मप्रेमी महिला पुरुष बढ़-चढ़कर महोत्सव में भाग लेते हैं लेकिन रतनगढ़ में अन्नकूट महोत्सव की ऐसी धूम मचती है कि आज पूरे प्रदेश में रतनगढ़ मे होने वाला एतिहासिक अन्नकूट महोत्सव ख्याति प्राप्त कर चुका है दीपावली के दूसरे दिन से शुरू होने वाले अन्नकूट महोत्सव की धूम का आंवला नवमी के दिन अंतिम समापन होता हैं। रतनगढ़ का अन्नकूट महोत्सव दूरदराज के क्षेत्रों में इस तरह से प्रसिद्ध हो चुका है कि केवल अन्नकूट महोत्सव में भाग लेने के लिए कई महानुभाव यहां आकर दर्शनों का लाभ लेते हैं एवं महाप्रसादी ग्रहण करते हैं कई वर्षों पूर्व रतनगढ़ के मात्र कुछ गिनती के मंदिरों में यह अन्नकूट महोत्सव मनाने की जो परंपरा शुरू की गई थी वह आज एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर रतनगढ नगर सहित आसपास के सभी अंचलों में छोटे बड़े सभी देव स्थलो तक में ख्याति प्राप्त कर अन्नकूट महोत्सव मनाया जाने लगा है।
*नहीं जलता चूल्हा*-जिस दिन अन्नकूट महोत्सव की प्रसादी होती है उस दिन नगर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी हजारों की संख्या में कतार बद्ध प्रसाद ग्रहण करने के लिए आते हैं सबसे विशेष बात यह भी है प्रसाद ग्रहण करने वालों में हिंदू समाज के साथ ही बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के धर्मावलंबी भी कतार में खड़े होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं प्रसाद ग्रहण करते वक्त किसी प्रकार का गरीब अमीर या छोटे बड़े का कोई भेदभाव नहीं होता है सभी को समान रूप से प्रसाद वितरित किया जाता है। इस दिन हिंदू परिवारों के घरों में चूल्हा भी नहीं जलता एक व्यक्ति को मिलने वाले प्रसाद की मात्रा इतनी होती है कि आराम से दो व्यक्ति भरपेट खा लें।
*इन मंदिरों पर होता है अन्नकूट वितरण*- *दीपावली के दूसरे दिन*- माहेश्वरी समाज के श्री गोवर्धननाथ मंदिर, मूंदड़ा परिवार के श्री चारभुजानाथ मंदिर,नामदेव छिपा,दर्जी समाज मंदिर, श्री कालिया नाथ मंदिर, स्वर्णकार समाज मंदिर, पीपली नाथ मंदिर, ईनाणी परिवार के श्री द्वारिकाधीश मंदिर, सुथार समाज के श्री रामजानकी मंदिर,श्री सगस बावजी मंदिर,श्री नरसिंहनाथ मंदिर, श्री जुझार बावजी मंदिर, माली समाज श्री शिव मंदिर, श्री भैरवनाथ मंदिर
*पंचमी के दिन*- श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, नदी दरवाजा रामघाट बालाजी मंदिर, शीतला माता मंदिर, सोलंकी समाज श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, पुलिस थाना श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर
*सप्तमी के दिन*- श्री राधा-कृष्ण मंदिर,डेर वाले संकट मोचन बालाजी मंदिर, पटपड़ा महादेव मंदिर, गुंजालिया महादेव मंदिर,कांटिया बालाजी मंदिर
*नवमी के दिन*- आवासीय कॉलोनी नई आबादी मे स्थित नीम वाले बालाजी मंदिर, प्रथम घाट पर स्थित शनि महाराज मंदिर, प्राचीन किले पर स्थित रामजानकी मंदिर एवं हनुमान मंदिर, देवस्थान गोरेश्वर महादेव मंदिर (गोराजी), कस्मारिया मे बालाजी मंदिर।
*यह प्रसाद होता है वितरण*- अन्नकूट महाप्रसादी में सभी प्रकार की मिक्स सब्जी, बैसन चक्की,लड्डू,जलेबी, इमरती, नुक्ती,पुड़ी,वेफर्स आदि वस्तुएं वितरित की जाती है।

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