प्रतापगढ़

राम राज्य के सपनों को साकार करता प्रतापगढ़ का विकास – 35 सालों में नहीं हुआ व तीन सालों में हो गया… ऐसा विकास और कहां

राम राज्य के सपनों को साकार करता प्रतापगढ़ का विकास
-किश्त दो-
35 सालों में नहीं हुआ व तीन सालों में हो गया… ऐसा विकास और कहां…

कागजों में संचालित होती कमेटियां, ऐसे बहेगी जिले में विकास की गंगा….
सामाजिक अधिकारिता विभाग में योग्य को दरकिनार कर अयोग्य के हाथों में कमान
सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में हुआ खुलासा…

पहले अंक में नगर परिषद की टोह लेने के बाद बात करते है।

प्रतापगढ़ जिले में राजनेतिक नियुक्तियां और गठित कमेटियों की जहां राजनेतिक प्रभाव के चलते सदस्यों का मनोनयन के बाद उन कमेटियों की टोेह लेने वाला कोई नहीं है। अधिकांश सदस्य अपने निजी कार्यो में व्यस्त है। जिसके चलते जिन उददेश्यों को लेकर मनोनयन एवं गठन किया गया था वह उददेश्य पूरा नहीं होता दिख रहा है।

विश्वस्त सू़त्रों से जानकारी मिली है कि जिले में बालकल्याण औैर बालश्रमिको के उत्थान के लिए गठित कमेटिया अपने कर्तव्य से विमुख होती दिख रही है। बालश्रमिकों और बाल कल्याण समितियां रामभरोसे चल रही है। कागजों में संचालित होती कमेटियों के सदस्य भारी भरकम मानदेय उठाने के बाद भी अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ते नजर आ रहे है। राजनेतिक मनोनीत सदस्य केवल भारी भरकम मानदेय उठाने उठाने के बाद भी बदले में सुखद परिणाम नहीं मिल पा रहे है।

जानकारी के मुताबिक गुरूवार शाम को टैगोर पार्क के सामने स्थित एक ज्युस की दुकान पर दो पुलिस कार्मिक अचानक पहुंच कर दुकानदार से वहां पर कार्यरत एक बालक के बारे में जानकारी लेते हुए उस पर बालश्रमिक से कार्यकरवाने का आरोप लगाते हुए चालान बनाने की कार्यवाही की धमकी देते है। जबकि दुकानदार ने कार्यरत किशोर का आधारकार्ड आदि दिखलाया जिसमें किशोर की आयु 18 वर्ष 3 माह अंकित होने के बावजूद पुलिसकर्मी दुकानदार को उसके जन्म संबंधी दस्तावेज दिखाने की बात पर अड़ जाते है।
इस प्रसंग में एक बात सामने आई है कि बालश्रमिक तस्करी रोकथाम के लिए गठित युनिट महज दिखावा करते हुए चौथवसूली का कार्य कर रही है।

हकिकत में देखा जाए तो सभी कमेटियां केवल कागजों में संचालित हो रही है। यहां तक की विभाग की बात करें तो यहां सबसे अधिक भ्रष्टाचार पनप रहा है। हाल ही में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त सूचना में यहां संवदिाकार्मिकोें के मामले में कई गढ़बड़िया सामने आई है।

संरक्षण अधिकारी अधिकारी की नियुक्ति में भी गढ़बढ़ी सामने आई है। इसमें योग्य को दरकिनार करते हुए अयोग्य को नियुक्ति दी गई है। सामाजिक अधिकारिता विभाग में में भ्रष्टाचार के चलते दो बार यहां कार्यरत कार्मिक एसीबी के हत्थे चढ़ चुके है। उसके बावजूद यहां भ्रष्टचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है।

अब तो लोग यह कहते हुए भी नहीं थकते है कि वाकई में 35 सालों में जो नहीं हुआ वो इन तीन सालों में हो गया। जिले में भ्रष्टचार के ऐसे कई मामले है जिन्हें आगामी किश्तों में प्रकाशित किया जाएगा।

देखते रहिए पढ़ते रहिए कैसे बह रही है प्रतापगढ़ में विकास की गंगा।

तारूसिंह यादव

Tarusingh Yadav National Chautha Samay News City Reporter, Pratapgarh (Rajasthan), Contact: +91 88299 42088, Email: [email protected], Corporate Office Contact; +917891094171, +919407329171, Email' [email protected]

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