वन्यजीव गणना में दिखे 7 पेंथर

वन्यजीव गणना में दिखे 7 पेंथर
प्रतिवर्ष वैशाख माह की पूर्णिमा की तिथि पर होने वाली वाटर हॉल पद्धति द्वारा वन्यजीव गणना गत दो वर्षों से कोविड के कारण नहीं हो पाई थी, 2 वर्ष पश्चात 16 से 17 मई तक प्रातः 8 बजे से प्रातः 8 बजे तक वन्यजीव गणना की गई, जिसमें 7 पेंथर देखने को मिले।
उपवन संरक्षक सुनील कुमार ने बताया कि वन मंडल अधिन 6 रेंज में 70 वाॅटर हॉल पे गणना करवायी गई। प्रत्येक वाटरहॉल पर दो कार्मिक लगाए गए थे, यह गणना प्रतिवर्ष की वैशाख की पूर्णिमा को ही की जाती है। उन्होंने बताया कि इस पद्धति में वन्यजीव 24 घंटों के दौरान एक से दो बार पानी पीने अवश्य आता है। विभाग द्वारा वन्यजीव गणना के दौरान कार्मिकों को टॉर्च, डंडे, मचान व भोजन पानी की व्यवस्था करवाई गई।
उन्होंने बताया कि वन मंडल प्रतापगढ़ के अधीन वन क्षेत्र में वन्य जीव की क्षमता बरकरार है। वनक्षेत्र में गणना के दौरान 7 पैंथर मिले। इसी तरह से सियार 380, जरख 40, जंगली बिल्ली 31, बिल्ली रस्टी 10, लोमड़ी 47, बिज्जू 21, बड़ा बिज्जू 5, कबर बिज्जू 16, पैंगोलिन 3, रोजडे 733, चोसीगा 5, जंगली सूअर 208, सेही 10, उड़न गिलहरी एक, लंगूर 2151, सारस दो, जंगली मुर्गा 265, शिकारी पक्षी 16 व मोर 976 वन्य जीव गणना के दौरान वन क्षेत्र में जानवर पाये गये।