विश्व में जल जंगल जमीन को सिर्फ आदिवासियों ने बचाया : कान्तिभाई रोत

प्रतापगढ़। आबाकुडी लुहारखाली में जमीन बचाओं आरक्षण बचाओं चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। आयोजन में भीलप्रदेश मुक्ति मोर्चा के ब्लॉक संयोजक किशन मईडा ने बताया कि आदिवासी चिंतन शिविर में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की एवं वक्ताओं ने जो विचार रखें उपस्थित जनसमुदाय ने आत्मसात किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कान्तिभाई आदिवासी ने बताया कि विश्व में जल जंगल जमीन को सुरक्षित रखा है तो सिर्फ आदिवासी समुदाय ने रखा है सरकार और कम्पनीयां आदिवासी समुदाय को खत्म करनी पर तुली हूई है जब आदिवासी ही दुनिया से खत्म हो जायेगा तो जल जंगल जमीन को कौन बचायेगा। राष्ट्रीय संयोजक मागीलाल ननामा ने आदिवासियों के उदबोधन शब्द को विस्तृत रूप से समजाया आदिवासी बोली भाषा, रहन सहन, और नेजा निशानी के महत्व को बताया।
विलेश खराडी मध्यप्रदेश ने लोगों को सम्बंधित करते हूवें कहा कि आदिवासीवायों के इतिहास को कैसे बचाया जायेगा उसके बारे में विस्तृत जानकारी देते कहा कि कोरपोरेट कम्पनियों द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में निवेश से होने वाली हानियों से आदिवासी समुदाय को समय रहते सजग रहना होगा व निवेश को बंद करना होगा।
छात्र संघ अध्यक्ष गौरव निनामा कि टीम ने सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया बालू भील मध्यप्रदेश से वीपी अहारी, अरविंद बुज, मोहन निनामा, रमेश निनामा, चंदू मईडा, इंजीनियर शोनू खराडी,राजेश डिडौर, बाँसवाड़ा से प्रभुलाल कटारा शंकरलाल बामनिया जिला बांरा कि टीम द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया। मध्यप्रदेश के सरपंच रमेश खराडी शानु भाई हांडा मदद कटारा बहादुर, नंदलाल मकवाणा, आदि वक्ताओं ने बारी बारी से आदिवासी समुदाय के सामने चिंतन शिविर मे अपना वक्तव्य दिया।