“वैष्णव जन तो तेने कहिए” स्पिक मैके के द्वारा लक्ष्य विद्यालय में वायलिन प्रस्तुति

प्रतापगढ़। शास्त्रीय संगीत से मन शान्त रहता है एवं एकाग्रता बढ़ती है, हालाँकि शुरुआत मे यह संगीत के अन्य माध्यमों की तरह जायकेदार नही लगता। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ युवा पुरस्कार से सम्मानित वायलिन वादक मानस कुमार ने ये विचार वायलिन प्रस्तुतिकरण के दौरान व्यक्त किए । मानस कुमार, शांतनु मायी, चंदा डांगी और अजय डांगी को विद्यालय के निदेशक वीरधवल सर और निवेदिता मैम ने उन्हें स्वागत स्वरूप पौधे भेंट किए। राग अहीर भैरव के पश्चात जब वायलिन पर भजनों का सिलसिला प्रारंभ हुआ तो स्कूल के विद्यार्थी मंत्र मुग्ध होकर कार्यशाला का आनंद लेते रहे । तबले पर संगति शान्तनु मायी ने दी । उन्होंने विद्यार्थीयों को वाद्य यंत्र बजाने की प्रेरणा दी । स्पिक मैके की परामर्श दाता चन्दा डांगी ने छात्रो की ओर मुखातिब होकर कहा कि माता- पिता शिक्षक सभी बच्चो से कहते हैं ध्यान लगाकर पढ़ो ध्यान लगाकर सुनो ध्यान लगाकर लिखो पर ये ध्यान आयेगा कहाँ से ? शास्त्रीय संगीत के निरंतर श्रवण एवं रियाज से एकाग्रचित्तता आती है जिससे कठिन विषय भी सरल हो जाते है । कार्यशाला के अंत में विद्यालय की प्राचार्या आरती जैन ने अतिथियों को स्मरण चिन्ह भेंट किया और उनका आभार प्रकट किया।