श्रद्धा से किया मंशा महादेव व्रत उद्यापन, मंदिरों में बंटा चूरमे का प्रसाद

प्रतापगढ़ (मनोहरगढ़)। मनोकामना सिद्धि के लिए चार माह तक किए जाने वाले मंशापूर्ण महादेव व्रत का उद्यापन कार्तिक शुक्ल चतुर्थी पर सोमवार को हुआ। शिव आराधना का उत्सव सोमवार को आने से भक्तों में उत्साह अधिक रहा। उद्यापन के लिए शिवालयों में पहुंचे व्रतधारियों ने शुभ मुहूर्त में मंशापूर्ण महादेव की पूजा अर्चना की।
मनोहरगढ योगेश्वर महादेव मंदिर मे भीड़ रही। शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही, जहां पीपल वृक्ष पूजे जाते हैं। व्रत धारण करते समय सूत की कुकड़ी, सुपारी और सिक्के से बनाई महादेव प्रतिमा को उद्यापन के लिए घर से मंदिर लाया गया। यहां पंचामृत से महादेव प्रतिमा का अभिषेक करने के साथ ही पुष्प आदि अर्पित कर चूरमे का भोग धराया गया।
चला कथा, कीर्तन का दौर : कार्तिक शुक्ल चतुर्थी के मौके पर मंशापूर्ण महादेव व्रत उद्यापन को लेकर पूजा अर्चना के बाद व्रतधारियों ने मंदिर परिसर में ही बैठकर कथा श्रवण किया। कथा श्रवण के बाद महिलाओं ने कीर्तन किए और भक्ति गीत गाए। व्रतधारियों में युवतियां और पुरुष भी शामिल थे, जिन्होंने उत्साह से उद्यापन किया।
चढ़ाया चूरमे का भोग : परंपरानुसार महादेव को गुड़ से बने चूरमे का भोग धराया। सवा सेर आटा, सवा सेर गुड़, सवा सेर घी से चूरमा बनाया गया। चूरमे को चार भाग में बांटा गया। जिसमें से एक हिस्सा महादेव को अर्पित किया गया, दूसरा गाय को खिलाया गया, तीसरा ब्राह्मण को भेंट किया गया और चौथे हिस्से से व्रत खोलने के साथ ही प्रसाद वितरित किया गया।