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श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन श्रीकृष्ण भक्त एवं बाल सखा सुदामा के चरित्र का वर्णन, श्रीमद्भागवत तथा श्रीव्यास पूजन किया।

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सिंगोली । मनुष्य स्वंय को भगवान बनाने के बजाय प्रभु का दास बनने का प्रयास करें, क्योंकि भक्ति भाव देख कर जब प्रभु में वात्सल्य जागता है तो वे सब कुछ छोड़ कर अपने भक्तरूपी संतान के पास दौड़े चले आते हैं। गृहस्थ जीवन में मनुष्य तनाव में जीता है, जब कि संत सद्भाव में जीता है। यदि संत नहीं बन सकते तो संतोषी बन जाओ। संतोष सबसे बड़ा धन है। नारायण गौशाला में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के समापन पर व्यास पीठ से संत नन्दकिशोर दास महाराज ने यह उपदेश दिये।
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन श्रीकृष्ण भक्त एवं बाल सखा सुदामा के चरित्र का वर्णन, श्रीमद्भागवत तथा श्रीव्यास पूजन किया।
कथावाचक नन्दकिशोरदास महाराज ने कथा के दौरान श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सुदामा के आने की खबर पाकर किस प्रकार श्रीकृष्ण दौड़ते हुए दरवाजे तक गए थे। “पानी परात को हाथ छूवो नाहीं, नैनन के जल से पग धोये।” श्र? कृष्ण ण अपने बाल सखा सुदामा की आवभगत में इतने विभोर हो गए के द्वारका के नाथ हाथ जोड़कर और अंग लिपटाकर जल भरे नेत्रों से सुदामा का हालचाल पूछने लगे। उन्होंने बताया कि इस प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मित्रता में कभी धन दौलत आड़े नहीं आती।

कथा के दौरान महाराज श्री ने भगवान कृष्ण सुदामा का मिलन की झांकी प्रस्तुत की तो पूरा पंडाल द्वारकाधीश जयकारों से गूंज उठा
कथा अंतिम दिन नारायण गौशाला में आस्था का सैलाब उमड़ गया

बुधवार को कथा समापन के अवसर पर भाजपा के कद्दावर नेता समंदर पटेल व कांग्रेस के प्रमुख नेता राजकुमार अहीर , ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष बनवारी जोशी , रतनगढ़ कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष शंभु लाल चारण व क्षेत्र के वरिष्ट समाज सेवी व एडवोकेट कैलाश चन्द्र जोशी , वरिष्ट समाजसेवी व पहलवान ओंकारलाल शर्मा , पूर्व सरपंच रामचन्द्र धाकड़ मेघनिवास , उदयराम धाकड़ पिपली खेड़ा , गोपाल धाकड़ पिपली खेड़ा , कैलाश चन्द्र धाकड़ कबरिया , नानालाल धाकड़ सहायक सचिव कछाला सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रीमद भागवत कथा के विश्राम पर कथा का रसपान किया।

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