सिरोही

श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिन की कथा का हुआ विश्राम-, श्री कृष्ण व रुक्मिणी विवाह में श्रद्धालुओं ने किया कन्यादान

स्वरूपगंज। कस्बे के गायत्री आश्रम में श्री बाके बिहारी भागवत सेवा समिति के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन की कथा में कृष्ण रास लीला एवं कृष्ण रुक्मिणी विवाह के प्रसंग का वर्णन किया गया। समिति के अनुसार वृंदावन से पधारे प्रेममूर्ति पवन कृष्ण महाराज ने व्यास पीठ से भगवान श्री कृष्ण के द्वारा ब्रज में की गई लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया।
कथा के माध्यम से माता-पिता, गुरु, ब्राह्मण, गंगा, गीता, गौमाता, धर्म एवं राष्ट्र के प्रति भी बनने वाले दायित्व का महत्व बताया। महारास का वर्णन करते हुए सुंदर गरबा नृत्य का आयोजन हुआ! कंस का वध करने के पश्चात भगवान श्री कृष्ण उज्जैन सांदीपनि आश्रम में अध्ययन के लिए गए जहां उनकी मित्रता सुदामा से हुई !गुरुकुल में भगवान ने 62 दिन में 64 विद्याओं का अध्ययन किया, गुरुकुल से मथुरा लौटने के पश्चात उद्धव को ब्रज में भेज कर ब्रज वासियों के प्रति विशेष महत्व को प्रकट किया। जरासंध के आक्रमण किए जाने पर मथुरा छोड़कर समुद्र के तट पर द्वारिका नगरी का भगवान ने निर्माण किया। कथा में भगवान द्वारकाधीश का विवाह देवी रुक्मणी के साथ संपन्न हुआ छठे दिन में कथा के यजमान फ्रूट वाले भगवान दास सिंधी एवं उनके परिवारी जन रहे जिन्होंने देवी रुक्मणी का कन्यादान किया। साथ ही कथा में श्रद्धालुओं ने भी कन्यादान कर लाभ लिया। इस दौरान ब्रज से आए हुए कलाकारों के द्वारा सुंदर झांकियों का दर्शन कराया। कथा के सातवे दिन कथा का विराम हुआ साथ ही सुभद्रा हरण व सुदामा चरित्र की कथा विशेष हुई महाप्रसादी का वितरण होने के पश्चात कथा का विश्राम हुआ

तारूसिंह यादव

Tarusingh Yadav National Chautha Samay News City Reporter, Pratapgarh (Rajasthan), Contact: +91 88299 42088, Email: [email protected], Corporate Office Contact; +917891094171, +919407329171, Email' [email protected]

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