सांतपुर तालाब से मंदिर ध्वस्त हटाने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने चार घंटे मुख्य मार्ग किया जाम, भीड़ को खदेड़ा तो पुलिस पर किया पथराव

आबूरोड। सांतपुर तालाब से प्रशासन के न्यायालय के आदेश पर हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने का मामला
– चार घंटे ग्रामीणों ने किया मुख्य मार्ग जाम, भीड़ को सड़क से हटाने पर मकानों से हुआ पथराव, एएसपी व माउंट आबू पुलिस उप अधीक्षक समेत 5 पुलिसकर्मी घायल।
आबूरोड. शहर से सटे सांतपुर तालाब को लेकर पूर्व में जारी न्यायालय के आदेश पर बुधवार सुबह भारी पुलिस जाब्ते के साथ मंदिर किनारे बने हनुमान मंदिर को ध्वस्त किया गया। प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के विरोध में आबूरोड-अम्बाजी मुक्य मार्ग को चार घंटे तक ग्रामीणों ने जाम कर दिया। मामले में न्यायालय में परिवादी की ओर से सांतपुर गांव में किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग पर ग्रामीण अड़े रहे। जिस पर प्रशासन की ओर से तीन दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, हालांकि भाजपा नेताओं व ग्रामीणों ने आबूरोड बंद का आह्वान करते सामूहिक गिरफ्तारी दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों के हल्का बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की कोशिश करने पर भीड़ आक्रोशित हो गई। आसपास के कुछ घरों से लोगों ने करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को खदेड़ते हुए घरों से पथराव करने वाले युवकों को निकालकर लाठियां भांजी। झड़प व पथराव के चलते अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवाराम चौधरी, माउंट आबू पुलिस उप अधीक्षक योगेश शर्मा समेत 5 पुलिसकर्मियों के चोटें आई। प्रशासन ने दोपहर बारह बजे मार्ग से आवागमन सुचारू करवाया।
उच्च न्यायालय की ओर से एक याचिका पर वर्ष 2018 में दिए गए आदेश की पूर्ण पालना नहीं होने पर न्यायालय की ओर से जिला कलक्टर को मामले में आदेश की पूर्ण पालना करवाते हुए सांतपुर नाड़ी को मूलस्वरूप में लाने व 24 नवम्बर तक पालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद बुधवार अलसुबह तालाब के आसपास दर्जनों की संख्या में पुलिसबल जुटना शुरू हो गया। सुबह सात बजे केसरगंज पंचायत समिति रोड व पुराना चैकपोस्ट से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई। मंदिर से भगवान की प्रतिमा अन्य स्थान पर रखवाकर मौके पर मौजूद प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में मंदिर पर जेसीबी से निर्माण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। इस पर हिंदू युवा वाहिनी के जिला प्रमुख आकाश माली, तुषार त्रिवेदी, छत्तर सिंह देवड़ा समेत भाजपा नेताओं व ग्रामीणों ने भारी आक्रोश जताते हुए पुलिस बैरिकेडिंग के आगे ही सड़क पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। करीब चार घंटे तक चले घटनाक्रम के दौरान सांतपुर रेलवे ओवरब्रिज पर जुटी भीड़ ने वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी। कुछ नेताओं को हिरासत में ले जाने के दौरान दोपहर बारह बजे मांग पर अड़े ग्रामीणों को पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सड़क हटाने की कोशिश की। इस दौरान धक्का मुक्की करने पर आक्रोशित भीड़ भड़क गई। धक्का मुक्की होने पर पुलिसकर्मियों ने लाठियां भांजकर भीड़ को खदेडना शुरू किया। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिसकर्मी दौड़ा-दौड़ाकर पीटते दिखाई दिए। इस दौरान कुछ घरों से पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद सुरक्षा उपकरणों के साथ पुलिसकर्मियों ने भी घरों में घुसकर करीब एक दर्जन से अधिक युवकों को पथराव करने के आरोप में हिरासत में लिया। इस दौरान एएसपी व माउंट आबू वृताधिकारी, एएसआई नरपतसिंह, दो महिला कांस्टेबल समेत कुल पांच पुलिसकर्मियों को चोटें आई। एवं भाजपा नेता अरुण परसरामपुरिया व आबूरोड छात्रसंघ अध्यक्ष छत्तरसिंह देवड़ा समेत अन्य पर भी पुलिसकर्मियों ने लाठियां भांजी। जिला कलक्टर डॉ. भंवरलाल चौधरी व पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने अस्पताल पहुंचकर पुलिसकर्मियों की सेहत की जानकारी ली। जिला कलक्कटर ने बताया कि सांतपुर तालाब 14 बीघा का तालाब है। न्यायालय में यह मामला 2016 से चल रहा है। पूर्व में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। शेष रहे कुछ अतिक्रमणों को हटाने के न्यायालय ने आदेश दिए थे। जिस पर प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई की गई।