सागर गुमनामी के मजार पर चादर पेश कर मांगी अमनों चेन की दुआकुल की रस्म के साथ आज शनिवार को होगा उर्स का समापन

सागर गुमनामी के मजार पर चादर पेश कर मांगी अमनों चेन की दुआकुल की रस्म के साथ शनिवार को होगा उर्स का समापन
प्रतापगढ़ जिले के पीरबाग में कांठल के कोहिनूर सूफी संत हजरत ख्वाजा सागर गुमनामी चिश्ती र.अ. का 35 वां उर्स बड़े ही अकिदत के साथ मनाया जा रहा है।
तीन दिवसीय उर्स के दूसरे दिन शुक्रवार को मजार शरीफ पर चादर पेश कर अमनो चेैन की दूआ कि गई। सज्जादा नशीन सूफी गफीर सागर ने बताया कि शुक्रवार दोपहर बाद सदर बाजार स्थित काममियों की गली से मकामें सागर से चादर शरीफ का जलसा शुरू हुआ। जिसमें सैकड़ो अकिदतमंद शामिल हुए। चादर शरीफ का जलसा प्रमुख मार्गो से होता हुआ पीरबाग पहुंचा जहां सलातो सलाम के साथ चादर पेश की गई। सूफी गफीर सागर ने बताया कि इससे पूर्व गुरूवार रात्रि में अखिल भारतीय नातिया मुशायरे का आयोजन किया गया।
जिसमें देशभर के ख्यातनाम शायरों ने सागर गुमनामी की शान में कसीदे पढ़े। मुशायरे की महफील की सदारत (अध्यक्षता) सूफी इब्राहिम तस्लीम सागर ने की मेहमानी खुसुसी ग्राम विकास अधिकारी ओर फरोग उर्दू के अध्यक्ष अब्दुल हकीम मंसूरी, कुंवर प्रतापसिंह, विजयराज सोनी रहे मुशायरे में एजाज अकमल, और साबिर अली साबरी सिराज बिस्मिल, रशीद अशरफी, जुल्फीकार समेत कई नामी गिरामी शायर शामिल हुए।
उर्स के अंतिम दिन शनिवार सुबह कुल की रस्म अदा की जाएगी। इससे पूर्व रंग की महफील सजाई जाएगी। इस मौके पर लंगर (भण्डारा) का आयोजन भी होगा। गौरतलब है कि गत दो वर्षो से कोरोना महामारी के चलते उर्स का आयोजन सांकेतिक रूप में किया जा रहा था।